बरेली। नवाबगंज क्षेत्र में मतांतरण के दोनों मामलों में बुधवार को पीड़ित लड़कियों का मेडिकल कराया गया, जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई। एक मामले का आरोपित अस्पताल में भर्ती है जबकि दूसरा राजस्थान की जेल में बंद है। दोनों मामलों में पुलिस उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर चुकी है।
नवाबगंज क्षेत्र से दो फरवरी को लापता हुई 10वीं कक्षा की छात्र को स्वजन तलाश रहे थे। इस बीच रविवार को इंस्पेक्टर धनंजय सिंह के पास राजस्थान के भीलवाड़ा थाने फोन आया कि छात्र वहां मिली है। उसे एक नाबालिग अपने साथ ले आया था। वहां गई पुलिस सोमवार को छात्र को नवाबगंज थाने लाई तो उसने पूरा वाकया बताया। उसका कहना था कि नाबालिग आरोपित ने आजाद सिंह बनकर उससे जान पहचान बनाई।
इसके बाद घूमने के बहाने घर से बुलाया, फिर जबरन भीलवाड़ा ले गया। वहां दुष्कर्म किया, निकाह के लिए मतांतरण का दबाव बनाया। रविवार को वह बाहर गया तो भीलवाड़ा पुलिस ने चेकिंग में रोक लिया। उसके पास से तमंचा मिलने पर पुलिस होटल पहुंची। होटल वालों ने उसके आधार कार्ड की प्रति देकर पुलिस को आरोपित का नाम-पता बताया। वह छात्र को भी लाया है, इसकी जानकारी दी।
पुलिस का कहना है कि आरोपित बेहद शातिर है। आपराधिक मानसिकता के कारण हर वक्त अपने साथ तमंचा रखता था। उसके बगिया मोहल्ले में लोग उसे उपनाम ओसामा के जरिये जानते हैं। लोगों से कहता था कि उसे इसी नाम से पुकारा जाए। छात्र से नजदीकी बनाने के लिए अपना नाम आजाद सिंह रख लिया।
अस्पताल नहीं आए दूसरे आरोपित के स्वजन
चार फरवरी को इसी क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली छात्र को एक अन्य नाबालिग अपने साथ जयपुर ले गया था। पुलिस उसकी तलाश में जुटी तो सोमवार को वह छात्र को गांव के बाहर छोड़ गया। यह छात्र भी 10वीं कक्षा में पढ़ती है। उसने दुष्कर्म व निकाह के लिए मतांतरण का दबाव बनाने का आरोप लगाया।
आरोपित की तलाश हो रही थी, इस बीच मंगलवार को हृदय संबंधित बीमारी के चलते दोस्तों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया और खिसक गए। पुलिस अस्पताल में तैनात कर दी गई है। डाक्टरों का कहना है कि उसकी हालत ठीक नहीं है। दूसरी ओर पुलिस ने दोनों आरोपितों के स्वजन को तलाशा, मगर वे फरार हैं। इंस्पेक्टर धनंजय सिंह का कहना है कि गुरुवार को दोनों लड़कियों के बयान कोर्ट में दर्ज कराए जाएंगे।