अर्पित श्रीवास्तव की रिपोर्ट
तिन्दवारी। कस्बे में चल रही श्रीराम रामलीला में केवट प्रंसग सुनकर दर्शक भावविभोर हो गए। प्रभु श्रीराम के चित्रकूट निवास एवं दशरथ परमधाम गमन की लीला का मंचन किया गया। श्रीराम, मां जानकी, भाई लक्ष्मण के साथ जब वन में पहुंचते हैं तो वहां उनकी मुलाकात निषाद राज से होती है। निषादराज प्रभु से श्रृंगवेरपुर चलने की बात कहते हैं लेकिन प्रभु कहते हैं कि पिता की आज्ञा कुछ और है। इसके बाद प्रभु वहीं जंगल में विश्राम करते हैं और लक्ष्मण प्रभु के सोने के बाद पहरा देने लगते हैं। प्रभु ने सुमंत्र को समझाकर वापस भेज दिया और खुद गंगा के किनारे पहुंचे और केवट से पार जाने के लिए नाव मांगते है, लेकिन केवट नाव लेकर नहीं आता है और कहता है हमें आप का भेद मालूम है। केवट कहता है –मांगी नाव न केवट आना। कहइ तुम्हार मरमु मैं जाना ।
श्री राम लीला के दर्शक दीर्घा में युवा भाजपा नेता ठाकुर सतेन्द्र सिंह अखिल पटेल मनोज सिंह आनन्द त्रिवेदी अरविंद गुप्ता वरिष्ठ पत्रकार दैनिक जागरण देवेंद्र नाथ श्रीवास्तव आदि गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।