आगरा। बच्चे का स्कूल में प्रवेश कराने के लिए फीस का इंतजाम न हो पाने से ई-रिक्शा चालक तनाव में आ गया। साईं की तकिया चौराहे पर सोमवार की शाम को ट्रैफिक पुलिस ने ई-रिक्शा को रोक लिया। विवाद के बाद चालक अपना आपा खो बैठा। उसने निर्वस्त्र होकर एमजी रोड पर दौड़ लगा दी। इसके बाद डीएम कैंप कार्यालय के गेट पर धरना दे दिया। इससे पुलिसकर्मियों में अफरातफरी मच गई। राहगीरों की भीड़ मौके पर जुट गई। डीएम कैंप कार्यालय के गेट पर तैनात पुलिसकर्मी उसे कंबल लपेटकर थाने ले गए।
घटना शाम करीब साढ़े चार बजे की है। लोहामंडी के टीला गोकुलपुरा निवासी हरिदेव मिश्रा (48 वर्ष) ई-रिक्शा चालक हैं। वह नामनेर की चौराहे की ओर से तीन सवारियां लेकर अा रहा था। उसे साईं की तकिया से कलक्ट्रेट होते हुए पुलिस लाइन की ओर जाना था। साईं की तकिया चौराहे पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी और होमगार्ड एमजी रोड पर ई-रिक्शा प्रतिबंधित होने का हवाला देते हुए रोक लिया। इसे लेकर हरिदेव आैर होमगार्ड के बीच विवाद होने लगा। इससे ई-रिक्शा चालक अपना आपा खो बैठा। उसने ई-रिक्शा किनारे लगाने के बाद अपने कपड़े उतार दिए। निर्वस्त्र हालत में एमजी रोड पर डीएम कैंप कार्यालय की ओर दौड़ लगा दी। यह देख चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मियों में अफरातफरी मच गई। वह भी उसके पीछे दौड़ पड़े। डीएम कैंप कार्यालय में घुसने की कोशिश करते ई-रिक्शा चालक को गेट पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने रोका।
इस पर वह डीएम कैंप कार्यालय के गेट के सामने धरने पर बैठ गया। हरिदेव मिश्रा ने बताया कि उसकी बेटी बीए की छात्रा है। बेटे का पांचवीं कक्षा में प्रवेश कराने के लिए वह कई स्कूलों के चक्कर काट चुका है। मगर, स्कूलों की फीस इतनी ज्यादा है कि वह जमा नहीं कर पा रहा है।इसके चलते उसके बच्चे का प्रवेश नहीं हो पा रहा है। किसी तरह से बेटी की पढ़ाई जारी रखे हुए है। दो बच्चों की पढ़ाई की फीस और घर के खर्च का बोझ नहीं उठा पाने के चलते वह तनाव में आ गया था। उसे किसी तरह से तीन सवारीं मिली थीं। साईं की तकिया चौराहे पर सवारियों को उतारना पड़ा तो वह अपना आपा खो बैठा था। इंस्पेक्टर रकाबगंज दिनेश कुमार ने बताया कि आरोपित के खिलाफ सार्वजनिक स्थान पर निर्वस्त्र होने पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
किस्त और फीस के जाल में फंसा
हरिदेव मिश्रा ने पुलिस को बताया कि उसका डायट के सामने खोखा है। उससे बच्चों की पढाई और घर का खर्च नहीं चल रहा था। इसलिए 21 महीने पहले पौने तीन लाख रुपये में ई-रिक्शा फाइनेंस कराया था। इसकी किस्त 12 हजार रुपये महीने आती है। रिक्शे से वह 15 से 16 हजार रुपये महीने कमा लेता है। एमजी रोड पर वह सवारियों से पांच से छह सौ रुपये रोज कमा लेता था। खोखे की कमाई से घर का खर्चा और ई-रिक्शा से जैसे-तैसे बच्चों की पढ़ाई का खर्च निकल रहा था। एमजी रोड पर ई-रिक्शा चलाने से रोक लगने पर वह किस्त और फीस के जाल में उलझ गया है। संपर्क मार्ग पर सवारियां काफी कम मिलती हैं। इससे उसकी किस्त भी नहीं निकल सकेगी।
थाने में हुआ गलती का अहसास
गुस्से में निर्वस्त्र होकर एमजी रोड पर दौड़ने वाले हरिदेव को थाने पहुंचने पर अपनी गलती का अहसास हो रहा था। उसका कहना था कि उसकी हरकत के बारे में बच्चों को पता चलेगा तो वह क्या सोचेंगे।