अर्पित श्रीवास्तव की रिपोर्ट
तिन्दवारी। पुरुषोत्तम मास के पावन पर्व पर अखिल श्री गोवंश की सेवा रक्षा एवं विश्व मंगल हेतु दिनांक 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक चलने वाले श्री हरि नाम संकीर्तन महायज्ञ के तहत हरि नाम संकीर्तन रथ के माध्यम से जनपद के तिंदवारी, नरैनी एवं बबेरू क्षेत्र के 60 से अधिक धार्मिक स्थलों में भक्ति रस गंगा अनवरत प्रवाहित की जा रही है ।
18 सितंबर को चित्रकूट धाम में दिव्य संत वृंदों के पावन आशीर्वाद के साथ शुभारंभ उक्त हरि नाम संकीर्तन महायज्ञ के संचालक नंदकिशोर तिवारी भोले महाराज के नेतृत्व में तिंदवारी कस्बे के संकट मोचन कुटी में 24 घंटे हरि नाम संकीर्तन हुआ। कोरोना महामारी को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य नियमों का पालन करते हुए हरिनाम संकीर्तन ने भाव विभोर कर दिया। हरि नाम संकीर्तन के प्रति जनमानस को आशीर्वचन देते हुए संकट मोचन कुटी के महंत स्वामी उद्धव दास जी महाराज ने कहा कि कलयुग में न योग है, न यज्ञ है और ना ही ज्ञान है। इस भवसागर से पार उतरने का मात्र एक आधार हरि नाम संकीर्तन ही है। कलयुग में कल्याण का मार्ग अत्यंत सरल है क्योंकि सतयुग में पूजा से, त्रेता युग में यज्ञ और द्वापर युग में योग के माध्यम से जो शक्तियां, सिद्धियां मिलती थीं, वह कलयुग में केवल मात्र नाम उच्चारण से प्राप्त हो जाती हैं।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आसाराम जी रामपाल जी भगवान दास जी सहित अतुल दीक्षित अमन गुप्ता प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।