चुनाव 2024 के लिए खासकर उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक सटीक रणनीति तैयार करने में लगी है। वहीं आम चुनाव से एक साल पहले ही भाजपा चुनाव से पहले अपने संसद सदस्यों (सांसदों) का रिपोर्ट कार्ड भी तैयार करवा रही है। साथ ही पब्लिक फीडबैक और आंतरिक सर्वेक्षण के आधार पर रिपोर्ट कार्ड को शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाया भी जाएगा। वहीं कहा जा रहा है कि सांसदों को उनकी आकलन रिपोर्ट के आधार पर ही टिकट दिया जाएगा या नहीं भी दिया जाएगा।
कैसे बन रहा बीजेपी सांसदों का रिपोर्ट कार्ड
बीजेपी के आंतरिक सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट कार्ड बनाने के दौरान मिलने वाले पब्लिक फीडबैक और आंतरिक सर्वेक्षण की फाइंडिंग्स को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाया भी जाएगा। वहीं अत्यंत गोपनीयता के साथ किया जा रहा सांसदों का आकलन उनके निर्वाचन क्षेत्र के अलावा सार्वजनिक रूप से उनके आचरण पर भी विचार कर रहा है। और साथ ही कम उपस्थिति के रिकॉर्ड वाले सांसदों को भी टिकट से बेदखली झेलना पड़ सकता है साथ ही पार्टी की आंतरिक इकाई उनके चुनाव लड़ने के खिलाफ फैसला भी कर सकती है।
यूपी में रायबरेली समेत 16 संसदीय क्षेत्रों पर ज्यादा रहेगा फोकस
उत्तर प्रदेश राज्य ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की भारी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई है। वहीं इस बार, भगवा पार्टी का लक्ष्य यूपी में लोकसभा की सभी 80 सीटों पर कब्जा करने का है। हालांकि इसका मुख्य फोकस उन 16 सीटों पर होगा, जिसे वह पिछले चुनावों में नहीं जीत पाई थी। साथ ही भाजपा के जीतने के लिए सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से एक रायबरेली भी होगी।
बता दें रायबरेली संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कांग्रेस की पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी करती हैं।
केंद्र और राज्य की योजनाओं का जमीन पर असर
उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा है कि पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पूरी तैयारी के साथ काम भी कर रही है। वहीं सही समय आने पर उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा, ‘बीजेपी हमेशा अपने रिपोर्ट कार्ड के साथ चुनाव में उतरती है। और इस बार भी ऐसा ही होगा। वहीं केंद्र और राज्य की योजनाओं का जमीनी स्तर पर काफी असर हुआ है। साथ ही इसकी जानकारी कार्यक्रमों के जरिए जनता तक पहुंचाई भी जाएगी।”
जानिए क्या है उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया
भूपेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि, “लोकसभा 2024 चुनावों के लिए उम्मीदवारों का चयन उनके रिपोर्ट कार्ड के आधार पर ही किया जाएगा। पार्टी हमेशा काम को प्राथमिकता भी देती है। उम्मीदवार के चयन की एक प्रक्रिया और भी है जो जमीनी स्तर पर चर्चा के माध्यम से आगे भी बढ़ती है। वहीं इसे केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा विभिन्न स्तरों पर प्राप्त फीडबैक के आधार पर अंतिम रूप भी दिया जाता है।”