लखनऊ। राजधानी में एक हैरतअगेंज मामला सामने आया है। तीन तलाक का मुकदमा वापस न लेने पर खाड़ी देश में नौकरी कर रहे युवक ने पत्नी को बहाने से घर बुलाया। इसके बाद उसे बंधक बनाकर लात-घूसों और डंडों से जमकर पीटा। पीड़िता के शोर मचाने पर आस-पड़ोस के लोग दौड़े तो आरोपित भाग निकला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने महिला को बंधक मुक्त कराया। इंस्पेक्टर अमरनाथ वर्मा ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है
डेढ़ साल पहले सउदिया से फोन कर दिया था तीन तलाक: मामला हसनगंज क्षेत्र के हरि मस्जिद वाली गली का है। इंस्पेक्टर हसनगंज अमरनाथ वर्मा ने बताया कि बीते कई साल पहले इंदिरानगर क्षेत्र में रहने वाली एक युवती का निकाह डालीगंज हरी मस्जिद के पास रहने वाले मो. सरताज पुत्र मो. रफीक के साथ हुआ था। युवती का आरोप है कि निकाह के कुछ दिन बाद ही उसका पति सउदिया चला गया। उसके बाद ससुरालीजन दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित करने लगे। परिवारीजनों ने कई बार छोटी-मोटी दहेज की मांग उनकी पूरी भी की। इसके बाद नवंबर 2019 में पति ने सउदिया से फोन किया और उसने तीन तलाक दे डाला। विरोध पर उसके घर वालों ने भी मारा-पीटा और भगा दिया। मामले की रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई। कुछ दिन पहले पति सउदिया से वापस आए। उन्होंने तीन मार्च को समझौते की बात कहकर ससुराल बुलाया। पति ने यह शर्त रखी कि अकेले आना। इस पर युवती मिलने पहुंची तो पति ने बहाने से मोबाइल भी स्विच ऑफ करा दिया। इसके बाद वह कमरे में ले गया, जहां तीन तलाक का मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया। विरोध पर कमरे में बंद कर पीटने लगा। लात-घूसों और डंडों से पीटा। शोर सुनकर आस पड़ोस के लोग दौड़े तो पति भाग निकला। मामले की जानकारी पुलिस को दी तो पुलिस ने बंधन मुक्त कराया।
पुलिस पर लापरवाही से हुआ बेटी पर हमला: पीड़िता के परिवार का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही के कारण उनकी बेटी पर हमला हुआ है। परिवारीजनों के मुताबिक मुकदमा जब डेढ़ साल पहले दर्ज हुआ था। बीते कई माह पहले सरताज लखनऊ भी आ गया था पर पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी नहीं की। गिरफ्तारी न होने के कारण ही हमला हुआ है। परिवारीजनों का कहना है कि दो माह बाद सरताज को फिर सउदिया जाना है पर पुलिस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।