नई दिल्ली। पिछले साल अगस्त में एक रिपोर्ट में दावा किया गया था था जून 2021 में Microsoft Internet Explorer बंद हो जाएगा लेकिन अब माइक्रोसॉफ्ट ने आधिकारिक तौर पर कह दिया है कि वह इंटरनेट एक्सप्लोरर को 15 जून 2022 को बंद कर देगी यह वेब ब्राउजर आज के ब्राउजर के सामने टिक नहीं पाया, नतीजन इसको पांच फीसदी लोग ही आज इस्तेमाल करते हैं। 2003 तक माइक्रोसॉफ्ट का वेब ब्राउजर टॉप पर था।
जब यह लॉन्च हुआ, तब कम लोगों के पास इंटरनेट था। लोगों को इंटरनेट पर काम करने में समस्याएं होती थी। इस ब्राउजर के आने के बाद लोगों का वेबसाइट पर काम करना आसान हो गया जिसके कारण लोगों में इसकी लोकप्रियता बढ़ती चली गई। पुलिस को रिकॉर्डस निकालने में, छात्रों को पढ़ाई की सामग्री पहुंचाने जैसे कामों में माइक्रोसॉफ्ट इंटरनेट एक्सप्लोरर ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई। फिर बाजार में कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आए। जिसके बाद इसका खासा इस्तेमाल किया जाने लगा। सरकारी एजेंसियों और वित्तीय संस्थानों के बारे में कहा जाता है कि वे अभी भी माइक्रोसॉफ्ट इंटरनेट एक्सप्लोरर का उपयोग कर रहे हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने इंटरनेट एक्सप्लोरर को 16 अगस्त 1995 को रिलीज किया था। ये इस तरह का पहला वेब ब्राउजर था जिसको लोगों ने हाथों हाथ लिया। लोग साइबर कैफे में इसी वेब ब्राउजर पर काम किया करते थे।
आपको पता है माइक्रोसॉफ्ट का इंटरनेट एक्सप्लोरर दुनिया के सभी कंप्यूटर और लैपटॉप में पहले से ही इंस्टॉल्ड आता है, लेकिन क्रोम और मॉजिला फायरफॉक्स ने लगातार अपने को अपडेट किया। कुछ ना कुछ नया किया जिसके कारण लोगों में अपनी ज्यादा पहुंच बना ली। आज तकरीबन इंटरनेट का 66 % ट्रैफिक क्रोम ब्राउजर से आता है।क्रोम में गूगल ट्रांसलेशन, बहुत सारे एक्सटेंशन और कई मोड भी उपलब्ध कराता है। जिसके कारण लोग क्रोम से बाहर नहीं निकल पाते और बहुत सारी चीजें वहीं एक क्लिक पर पूरी हो जाती हैं। अब 25 साल के बाद माइक्रोसॉफ्ट इंटरनेट एक्सप्लोरर सिर्फ इतिहास में रह जाएगा।
क्रोमियम आधारित माइक्रोसॉफ्ट एज (Microsoft Edge) ब्राउजर विंडोज और मैकओएस सभी को सपोर्ट करता है। इसे डाउनलोड करके आप लिगेसी वर्जन को रिप्लेस कर सकते हैं। कंपनी ने इसकी स्पीड और परफॉर्मेंस को लेकर बड़े-बड़े दावे किए हैं। इसमें इनबिल्ट प्राइवेसी और सिक्योरिटी मिलेगी।