फंड का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल के लिए होगा
IPO में इंडिया पेस्टीसाइड्स के प्रमोटर आनंद स्वरूप अग्रवाल 281.4 करोड़ रुपए के शेयर जारी करेंगे। बता दें कि कंपनी फोल्पेट और थियोकार्बामेट हेर्बिसाइड केमिकल का प्रोडक्शन करने वाली दुनिया की 5 सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल है। कंपनी IPO से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल अपने वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगी।
कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस का IPO
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की सबसे बड़ी कॉर्पोरेट हेल्थकेयर ग्रुप कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (KIMS) भी IPO लाने की तैयारी में है। इस IPO के लिए 200 करोड़ रुपए का फ्रेश शेयर इश्यू होंगे और 2 करोड़ 13 लाख 40 हजार इक्विटी शेयर कंपनी के प्रमोटर्स ओर मौजूदा इन्वेस्टर ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिये जारी करेंगे।
निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने दो कंपनियों को IPO लॉन्च करने की मंजूरी दे दी है। ये एग्रोकेमिकल्स बनाने वाली कंपनी इंडिया पेस्टीसाइड्स और हेल्थकेयर ग्रुप कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (KIMS) हैं। दोनों कंपनियों ने इसी साल फरवरी में IPO के लिए आवेदन किया था।
प्राइमरी मार्केट से 800 करोड़ रुपए जुटाने की तैयारी
इंडिया पेस्टीसाइड्स प्राइमरी मार्केट से 800 करोड़ रुपए जुटाएगी। ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के मुताबिक IPO के लिए कंपनी 100 करोड़ रुपए का फ्रेश शेयर जारी करेगी। साथ ही मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए 700 करोड़ रुपए के शेयर जारी करेंगे। कंपनी 75 करोड़ रुपए का प्री-IPO प्लेसमेंट भी ला सकती है।
प्रमोटर और मौजूदा निवेशक बेचेंगे अपने हिस्से के शेयर
OFS में जनरल एटलांटिक सिंगापुर 1 करोड़ 38 लाख 80 हजार शेयर जारी करेगी। प्रमोटर भाष्कर राव बोल्लिनेनी 7.7 लाख शेयर बेचेंगे। इसके अलावा कंपनी की दूसरी प्रमोटर राज्यश्री बोल्लिनेनी भी 11.6 लाख शेयर जारी करेंगी। IPO के लिए KIMS ने कोटक इंवेस्टमेंट बैंक, एक्सिस कैपिटल, क्रेडिट सुइस और IIFL सिक्योरिटीज को अपना लीड मैनेजर बनाया है।
कंपनी को हुआ घाटा
IPO से मिले फंड का इस्तेमाल KIMS कर्ज उतारने और सामान्य कॉर्पोरेट खर्च को पूरा करने के लिए करेगा। फाइनेंशियल इयर 2020-21 की दिसंबर तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 71.40 करोड़ रुपए था, जो सालभर पहले 856.38 करोड़ रुपए का था। KIMS हॉस्पिटल्स ब्रांड के तहत 9 मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल हैं।