पुणे। भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने सोमवार को डिसीजन रिव्यू सिस्टम यानी डीआरएस के अंपायर्स कॉल की आलोचना करते हुए कहा कि यह बहुत भ्रम पैदा कर रहा है। कप्तान कोहली का मानना है कि एलबीडब्ल्यू आउट होना पूरी तरह से इस बात पर आधारित होना चाहिए कि गेंद स्टंप्स को हिट रही है, भले ही मामूली रूप से कर रही हो। मौजूदा नियम के अनुसार, अंपायर्स कॉल को चुनौती तभी दी जा सकती है, जब गेंद तीन में से किसी एक स्टंप को 50 यी इससे ज्यादा फीसदी हिट कर रही हो।
इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के पहले मैच से पहले कप्तान विराट कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में कहा, “मैं लंबे समय उस समय में भी खेला, जब कोई डीआरएस नहीं था। अगर अंपायर ने कोई फैसला किया, तो बल्लेबाज को पसंद आया या नहीं। ऐसे में फैसला एक ही रहता था। इसके विपरीत अंपायर ने इसे नॉट आउट दिया और बल्लेबाज आउट है तो उसे आउट दिया जाना चाहिए, चाहे वह मामूली है या नहीं।”
कोहली ने कहा, “मेरे हिसाब से अभी अंपायर्स कॉल बहुत भ्रम पैदा कर रही है। जब आप एक बल्लेबाज के रूप में आप बोल्ड हो जाते हैं तो आपको नहीं पता होता कि गेंद का कितना हिस्सा स्टंप्स को छू रहा था। इसलिए बुनियादी क्रिकेट सामान्य ज्ञान से, मुझे नहीं लगता कि इस पर कोई बहस होनी चाहिए। यदि गेंद स्टंप्स को छू रही है, तो यह आउट होना चाहिए, फिर चाहे आपको यह पसंद है या नहीं, आप रिव्यू खो दोगे।”
उन्होंने आगे कहा, “इस तरह ये खेल साधारण रहेगा। यदि गेंद स्टंप्स को हिट कर रही है या मिस कर रही है तो उसी तरह का निर्णय होना चाहिए। इससे फर्क नहीं पड़ता कि गेंद कितने फीसदी स्टंप्स को छू रही है। इस तरह की चीजें अंपायर्स कॉल में बहुत संदेह पैदा कर रही हैं। ठीक इसी तरह सॉफ्ट सिग्नल में होना चाहिए, क्योंकि बड़े टूर्नामेंट में बड़े मंच पर इस तरह की गलती हो तो फिर किसी भी टीम को नुकसान हो सकता है।”