आचार्य पंकज कृष्ण शास्त्री
? कल 21 /6/2020 आषाढ़ कृष्ण अमावस्या को होने वाला कंकनाकृती सूर्य ग्रहण मिथुन राशि मे तथा मंगल के स्वामित्व वाले नक्षत्र मृगशिरा चूड़ामणि योग में हो रहा है ।यह ग्रहण भारतीय समय अनुसार 9 बजकर 16 मिनट से प्रारंभ होगा और 3 बजकर 4 मिनट तक रहेगा लेकिन भारतीय भुभाग पर इसे 10 बजकर 20 मिनट लेकर 1 बजकर 48 मिनट तक रहेगा ग्रहण का सूतक 20 जून की रात्रि 10 बजकर 20 मिनट से आरम्भ हो जाएगा सूतक समय कुछ भी खाना पीना निषेध होता है ।लेकिन ?बर्द्ध बूढ़े रोगी बालक गर्भवती स्त्री के लिए निषेध नही होता ।।।।
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ग्रहण का कुल समय
प्रातः10 : 20 सेआरम्भ
दोपहर12 : 2 मध्य रहेगा
दोपहर 1 :48 समाप्त हो जाएगा
कुल समय 3 घण्टे 28 मिनट का होगा ?
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ग्रहण समय किये गए दान पुण्य का अन्नत गुणा पुण्य होता है ।सूर्य ग्रहण में स्नान का बड़ा महत्व लिखा है कि किसी भी नदी सरोवर सागर में स्न्नान करना चाहिए लेकिन कुरुक्षत्र ब्रह्स्रोवर का विशेष फल होता है ।
श्लोकः
ग्रहस्यमाने भवेतस्नानम ग्रहस्ते होमो विधीयते ।
मुच्यमाने भवेदानम मुक्ते स्नान विधीयते।।
सर्वगंगासमं तोयं सर्वेव्यासमादिवजः।सर्वे भूमि समं दानम ग्रहणे चन्द्र सूर्ययोः।।
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अर्थात ग्रहण से पूर्व स्नान आरम्भ में होम हवन ग्रहण समाप्त होते होते दान करना चाहिए ।।?????
इस ग्रहण का प्रभाव किस राशि पर कैसा रहेगा और किस राशि वालो को क्या करना चाहिए
1(मेष) ?राशि के वाले जातकों यह ग्रहण शुभ रहेगा लेकिन इस राशि के जातकों को ग्रहण समय क्रोध से बचना चाहिए और पैरों से सम्बंधित बीमारी हो सकती है ।भाग्य आपका साथ देगा ग्रहण के बाद एक लोटा जल रोली मिलाकर पंजो के बल खड़े होकर सूर्य भगवान को अर्पित करे और गुड़ तथा लाल मिठाई का दान करे ।
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2( वृष) ? राशि के व्यक्तियों को ये ग्रहण आर्थिक परेशानी व्यापार नोकरी में अड़चनें उदर विकार ओर संतान को कष्ट रहेगा प्रोपर्टी में फायदा रहेगा यह ग्रहण आपको मध्यम फल देगा इस समय आपको शुक्र ग्रह को मजबूत करना चाहिए आपको दूध या स्वेत वस्त्र या स्वेत मिठाई ओर ख़ुसभु वाला इत्र दान करे ।
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3 (मिथुन) इस राशि के जातकों को यह ग्रहण थोड़ा से बेचैन कर सकता ह क्योकि यह ग्रहण इसी राशि मे पड़ रहा ह । घर से में थोड़ी समस्या हो सकती अतः वाणी पर पर ध्यान दे या।आपको हरी वस्तु सब्जी पन्ना वस्त्र रांग या सिल्वर से बना बर्तन दान करना चाहिए ।
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4(कर्क) इस राशि के जातकों को मानसिक दबाव रहेगा मन पीड़ित रहेगा आपको अज्ञात भय लगा रहेगा वाहन भूमि से सम्बंधित विवाद हो सकता है ।लेकिन आपको ज्यादा परेशान होने की आवश्यकता नही ह कुछ समय मे ये परेशानियां हैट जाएगी मिश्रित फल रहेगा आपको सिल्वर रंग का वस्त्र चांदी हाथ का पंखा लीची दान करना चाहिए।
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5 (सिंह) राशि के व्यक्तियों के ग्रहण एकादश भाव मे पड रहा है ।ओर ये भगवान भास्कर की राशि ह आपको धन लाभ होगा आपको आपके छोटे भाई बहनों को कष्ठ होने की संभावना रहेगी आप सूर्य मंत्रो का जप करे और अनाज, मसूर की दाल, लाल वस्त्र ,सोना ,माणिक ,दान करे ।
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6(कन्या ) के जातकों को धन लाभ होगा लेकिन परेशानी रहेगी अचानक नोकरी छोड़ने या परिवर्तन करने का मन हो सकता ह क्रोध में नियन्त्रण रखे आने वाला समय सही रहेगा आपको बुध मंत्रो का जप करना चाहिए बाद में गोशाला में चारा दान करे नमक घड़ा मिट्टी का दान करे शर्बत भरकर ।
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7(तुला) इस राशि के जातकों के यह ग्रहण भाग्य स्थान पर पड़ रहा है ।भाग्य ठीक रहेगा लेकिन चोट इत्यादि लगने की संभावना रहेगी एआप भी शुक्र मंत्रो का जप करे तथा सफेद चीजो का दान करे वस्त्र चांदी चावल दूध आदि ।
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8 (वृश्चिक )यह ग्रहन आपके षष्टम भाव पर पड़ रहा इससे रोग होने की कर्ज होने की संभावना रहेगी आप श्री कृष्ण मन्त्र का जप करे और ग्रहण अंत मे दूध अत्यादि। गेरुवा वस्त्र दानकरे।
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9 (धनु )इस राशि के जातकों के यह ग्रहण सप्तम स्थान पर प्रभाव देगा पति पत्नी में विवाद रोग आदि होगा लेकिन केतु आपको नए नए विचार देगा ।आपको ग्रहण समय भगवान विष्नु की पूजा विष्णु सहस्रनाम पाठ विस्नु मन्त्र जप पिला वस्त्र पीले फल आम केला इत्यादि दान करे।
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10 (मकर)
इस राशि के जातकों को रोग इंफेक्शन होने की संभावना रहेगी आपको ग्रहण समय हनुमान जी की पूजा जप शनि की पूजा करनी चाहिए तथा पीपल के पेड़ की जड़ में तेल चढ़ाना चाहिए उडद काले तिल नीलम या सवर्ण कला वस्त्र गुलाब जामुन का दान करे ।
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11(कुम्भ) इस राशि के जातकों को संतान से जुड़ी परेशानियां हो सकती ह वाहन चलाते समय ध्यान रखे पैरों में चोट लग सकती ह इन्हें भी भगवान हनुमान जी शनि उपासना करनी चाहिए पीपल में दूध मिलाकर जल चढ़ाएं ।ओर रेशमी वस्त्र काले रसगुल्ले नीलमणि सोना या सृंगी सितारा दान करे।
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12 (मीन)इस राशि की जातको को वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए माँ पत्नी से विवाद हो सकता ह आपको मिश्रित फल रहेगा आपको भगवान विष्णु की माँ लक्ष्मी के साथ उपासना करनी चाहिए ।था भगवान विष्णु जी के मंत्र का जप करना चाहिए ।
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ग्रहण के समय जो स्त्री गर्भ से हो उन्हें चाकू से कुछ नही काटना चाहिए ना ही लेटना चाहिए ना ही सूर्य के प्रकाश में आना चाहिये और अपने उदर पर गेरू का लेप कर लेना चाहिए सतनजा साथ रखे अंत मे दान करे इन मंत्रो का जप करे
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1 ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
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2देवकी सुत गोविंदं वासुदेव जगत्पते ।
देहि में तनयं कृष्णम त्वामहं शरणम गत।।
या जो भी आपका इष्ट हो उसका जप करे
????????जो भी सन्ध्या करते ह मानसिक सन्ध्या करे ।
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सभी प्रकार की बाधाओं के लिए
1?सर्वबाधाविनिर्मुक्तो धन्य धान्य सुतान्वितः।
मनुष्यो मत प्रसादेना भविष्यति न शंसया।।
ॐ श्री दुं दुर्गाययी नमः
ॐ नमो नारायणाय नमः
श्री महालक्ष्मय्यी नमः
ओर जो भी आपके आराध्य देव है उनका जप करे ????????