कोलकाता। पश्चिम बंगाल में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव से पहले उम्मीदवारों की मौत के कारण समसेरगंज और जंगीपुर में चुनाव रोक दिए गए थे। दूसरी ओर, भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होना है, क्योंकि मौजूदा विधायक सोवोंदेब चट्टोपाध्याय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए जगह बनाने के लिए इस्तीफा दे दिया था। भारत निर्वाचन आयोग ने काफी अटकलों के बाद शनिवार को भवानीपुर में उपचुनाव और मुर्शिदाबाद जिले के दो अन्य विधानसभा क्षेत्रों- समसेरगंज और जंगीपुर में चुनाव की तारीख की घोषणा की। इन तीनों सीटों पर 30 सितंबर को मतदान होगा और 3 अक्टूबर को मतगणना होगी।
बनर्जी हाल ही में संपन्न चुनावों में नंदीग्राम में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी से हार गईं थीं और वह अभी भी विधायी निकाय की निर्वाचित सदस्य नहीं हैं।
निर्वाचन आयोग की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने सूचित किया है कि प्रशासनिक जरूरतों और जनहित को देखते हुए और राज्य में एक शून्यता से बचने के लिए भवानीपुर में उपचुनाव कराया जाएगा।
मुख्य सचिव एच. के. द्विवेदी के माध्यम से आयोग ने अपनी अधिसूचना में कहा है, भारत के संविधान के अनुच्छेद 164(4) के तहत, एक मंत्री जो लगातार छह महीने की अवधि के लिए राज्य के विधानमंडल का सदस्य नहीं है, उस अवधि की समाप्ति पर मंत्री नहीं रहेगा और वहां जब तक चुनाव तुरंत नहीं कराए जाते, तब तक सरकार में शीर्ष कार्यकारी पदों पर एक संवैधानिक संकट और शून्य होगा।
अधिसूचना में कहा गया है, प्रशासनिक जरूरतों और जनहित को देखते हुए और राज्य में शून्यता से बचने के लिए, भवानीपुर, कोलकाता के लिए उप-चुनाव कराए जा सकते हैं, जहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ने का इरादा रखती हैं।
विज्ञप्ति के अनुसार, हालांकि, निर्वाचन आयोग ने अन्य 31 विधानसभा क्षेत्रों और तीन संसदीय क्षेत्रों (देश भर में) में उपचुनाव नहीं कराने का फैसला किया है, लेकिन संवैधानिक आवश्यकता और पश्चिम बंगाल राज्य से विशेष अनुरोध पर विचार करते हुए उसने भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव कराने का फैसला किया है।
अधिसूचना में कहा गया है, आयोग ने 3 विधानसभा क्षेत्रों, जिनमें पश्चिम बंगाल के 56-समसेरगंज, 58-जंगीपुर और ओडिशा का 1 विधानसभा क्षेत्र 110-पिपली में भी चुनाव कराने का फैसला किया है, जहां मतदान स्थगित कर दिया गया था।
पश्चिम बंगाल के इन दो निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव से पहले उम्मीदवारों की मौत के कारण चुनाव टाल दिया गया था। आयोग ने 20 सितंबर से अभियान के लिए सात दिन का समय दिया है।
हालाकि, चार और विधानसभा क्षेत्र हैं – उत्तर 24 परगना में खरदा, कूच बिहार में दक्षिण दिनहाटा, नादिया में शांतिपुर और दक्षिण 24 परगना में गोसाबा, जहां उप-चुनाव निर्धारित हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने कोविड महामारी को देखते हुए चुनावों को रोक दिया है।
बता दें कि संविधान के आर्टिकल 164(4) के अनुसार, चुनाव नहीं जीतने पर भी कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री बन सकता है, लेकिन फिर अगले 6 महीने के अंदर उसे राज्य की विधान सभा का या विधान परिषद का सदस्य बनना होता है। चूंकि पश्चिम बंगाल में विधान परिषद नहीं है, इसीलिए ममता बनर्जी को विधान सभा का सदस्य बनने के लिए चुनाव जीतना होगा।
तृणमूल कांग्रेस काफी लंबे समय से चुनाव के लिए दबाव बना रही है और हाल ही में सौगत रॉय, जवाहर सीरकर, सुखेंदु शेखर रॉय, सजदा अहमद और मोहुआ मोइत्रा सहित तृणमूल सांसदों के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयुक्त से मुलाकात की थी और चुनाव कराए जाने की मांग की थी। यह घोषणा पार्टी के लिए एक बड़ी राहत है।