शेखर की रिपोर्ट
अप्रैल और मई में कोरोना की दूसरी बेहद भयंकर लहर ने देश में भारी तबाही मचाई तो वहीं अब जून में संक्रमण की दर कम होती देख प्रशासन ने अधिकांश राज्य में करुणा से संबंधित प्रतिबंध या तो हटा दिए हैं मगर ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर अगले कुछ ही महीने में दस्तक दे सकती है जानकारों का कहना है कि तीसरी लहर 10 से 12 हफ्ते में ही आ सकती है ज्यादातर लोगों में कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर चिंता है कुछ का मानना है कि नया डेल्टा प्लस वेरियस कोरोना वैक्सीन पर भी भारी पड़ सकता है डेल्टा प्लस वेरियस डेल्टा वेरिएट से ही जुड़ा है जिसकी सबसे पहले भारत में ही पहचान की गई थी और यही वेरियस भारत में कोरोना की दूसरी लहर का कारण बना था आपको बताते जाएं कि वैज्ञानिक के अनुसार संक्रमण की ओर लहरें आ सकती है लेकिन यह कितनी भयानक होगी यह कई कारणों पर आधारित है आपको बताते जाए की जानकारी जानकारों के मुताबिक भारत में कोरोना संक्रमण के नए मामले पहले की तुलना में कम हुई है मई महीने में भारत में हर रोज जहां औसतन 4 लाख नए मामले दर्ज किए जा रहे थे वह अब औसत 50 हजार हो चुके हैं जबकि बाजारों की भीड़ चुनावी रैली और धार्मिक सम्मेलनों को इसके बढ़ने की वजह बताया गया था लेकिन सरकार की खराब नीतियों खराब सर्विलांस और देर से चेतावनी देने को भी स्थिति बिगड़ने की मुख्य वजह में गिना जाता है लिक पॉलिसी और हेल्थ सिस्टम की एक्सपर्ट डॉक्टर चंद्रकांत लहरिया कहते हैं कि भारत एक बार फिर बहुत ही संवेदनशील परिस्थिति में है और लोग कैसे बर्ताव करते हैं इससे करो ना कि अगली लहर का भविष्य तय होगा वह कहते हैं यह जरूरी है कि सरकार अर्थव्यवस्था को अस्थाजिता खोलें अगर वह जल्दी करेंगे और लोगों ने कोविड की सेफ्टी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया तो इसे वायरस को तेजी से फैलने में मदद मिलेगी वैज्ञानिक के अनुसार डेल्टा वेरी अटकी की वजह से भारत को कोरोना की दूसरी लहर का सामना करना पड़ा अगर वायरस के प्रसार को अतिसंवेदनशील आबादी में फैलने से रोका नहीं गया तो करो ना कि ऐसे कुछ और वैरीअंटा सकते हैं भारत सरकार ने पहले ही डेल्टा प्लस वेरिएट कोवैरीअंट ऑफ कंसर्न यानी चिंताजनक घोषित कर दिया है