सुप्रीम कोर्ट ने जहां निजी क्षेत्र में चल रहे टीकाकरण से जुड़ी व्यवस्था को लेकर नाराजगी व्यक्त की है। वहीं देश के इन निजी अस्पतालों में एक ही तरह के वैक्सीन की अलग-अलग कीमतें भी सामने आई हैं। हर अस्पताल न सिर्फ अपने अनुसार वैक्सीन की कीमत तय कर रहा है बल्कि उस पर सेवा शुल्क इत्यादि भी अपने ही मुताबिक जनता से वसूल रहा है। गंभीर बात यह है कि एक मई से पहले तक इन्हीं अस्पतालों में वैक्सीन लगवाने के लिए सेवा शुल्क केवल 100 रुपये प्रति खुराक देना पड़ता था लेकिन अब यह राशि बढ़कर तीन गुना तक हो गई है। ज्यादातर अस्पतालों में वैक्सीन लगाने के लिए सेवा शुल्क कम से कम 250 से 300 रुपये लिया जा रहा है।
इतना ही नहीं दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक सहित नौ राज्यों में 20 निजी केंद्र ऐसे भी मिले जहां पूरे देश की तुलना में सबसे महंगी वैक्सीन दी जा रही है। इसमें शीर्ष पर एक नई दिल्ली स्थित ईस्ट वेस्ट मेडिकल सेंटर है जहां कोविशील्ड की प्रति खुराक 1800 रुपये में दी जा रही है जबकि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का कहना है कि उनके यहां से निजी अस्पतालों को एक वैक्सीन 600 रुपये प्रति खुराक में दी जा रही है। इस पर पांच फीसदी जीएसटी शुल्क अलग से है। बहरहाल कोविन वेबसाइट पर मौजूद जानकारी से साफ जाहिर है कि देश के प्राइवेट स्वास्थ्य क्षेत्र में एक ही वैक्सीन की अलग-अलग कीमतें हैं जिन्हें जनता को चुकाना पड़ रहा है क्योंकि राज्य सरकारों के पास वैक्सीन पर्याप्त नहीं हैं।
हर महीने 50 फीसदी केंद्र और 25 फीसदी वैक्सीन राज्य सरकार को दी जा रही है। निजी अस्पतालों के पास केवल 25 फीसदी वैक्सीन आ रही है। ऐसे में अगर देखा जाए तो सरकार के पास 75 फीसदी वैक्सीन है। फिर निजी अस्पतालों के पास ज्यादा वैक्सीन कैसे हो सकती है? सेवा शुल्क और प्रति खुराक कीमत को लेकर सरकार को कुछ तय किया नहीं है। कुछ ऐसे भी अस्पताल हैं जो उसी दाम (650 रुपये) में कोविशील्ड दे रहे हैं जितने में उन्हें सीरम या भारत बायोटेक कंपनी ने दी है।