हरिद्वार के शहरी और कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए कोविड कर्फ्यू लगाया गया है। यात्रियों से हमेशा गुलजार रहने वाली हरकी पैड़ी पर कोविड कर्फ्यू के चलते कई दिनों से सन्नाटा पसरा था, लेकिन बुधवार को मालवीय घाट, नाई सोता घाट और अस्थि प्रवाह घाट पर बड़ी संख्या में यात्री पहुंचे।
हरकी पैड़ी समेत मालवीय घाट, नाई सोता और अस्थि प्रवाह घाट पर दिनभर कर्मकांड का दौर चलता रहा। लोगों ने कर्मकांड और अस्थि प्रवाह के बाद गंगा में स्नान भी किया।
देश के विभिन्न प्रांतों के साथ प्रदेश के जिलों से भी लोग कर्मकांड और अस्थि प्रवाह के लिए पहुंचे थे। कर्मकांड और मंत्रोच्चारण के दौरान काफी दिनों के बाद हरकी पैड़ी पर सन्नाटा टूटा।
अखिल भारतीय युवा तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष उज्ज्वल पंडित ने बताया कि चार मई से पंचक शुरू हो गया है, नौ मई तक चलेगा। इस दौरान कोई शुभ कार्य या स्नान नहीं होते हैं।उन्होंने बताया कि कर्मकांड और अस्थि प्रवाह जैसे अति आवश्यक कार्यों के लिए प्रशासन ने कोविड कर्फ्यू में छूट दी है। उन्होंने बताया लोग अस्थि प्रवाह और पितरों के निमित्त होने वाले कर्मकांड के लिए हरिद्वार पहुंच रहे हैं।