संगीता की रिपोर्ट
झारखंड-BEd महाविद्यालयों में वर्तमान सेशन(2021-23) में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम रद्द करने का फैसला लिया गया है। यही नहीं, राज्य में 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा न आयोजित करते हुए भी पिछली कक्षाओं के आधार पर हीं अहम फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में यह बैठक हुई जिसमें फैसला लिया गया है कि ग्रेजुएशन के मार्क्स के आधार पर ही उम्मीदवारों को BEd महाविद्यालय में एडमिशन मिलेगा। अब बीएड के लिए उम्मीदवारों को परीक्षा नहीं देनी होगी।मैरिट सूची बनने के बाद उनमें से चयन किया जाएगा।कोविड 19 वैश्विक महामारी को मद्देनजर को देखते हुए एनसीटीई 2014 के नियमों के तहत राज्य के मान्यता प्राप्त बीएड महाविद्यालयों में सत्र 2021-23 के लिए छात्रों का नामांकन संयुक्त प्रवेश परीक्षा के स्थान पर मेधा सूची के आधार पर करने का मंत्रीपरिषद ने निर्णय लिया। इन्होंने बताया कि सूची तैयार करने और काउंसलिंग करने के लिए झारखंड कंबाइंड एंट्रेंस कंपटेटिव एग्जामिनेशन बोर्ड (जेसीईसीईबी) को एजेंसी के रूप में तय किया गया है।दो और महत्वपूर्ण फैसले : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि राज्य में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट भी नहीं आयोजित किए जाएंगे।10 वीं का रिजल्ट 9 वीं के मार्क्स के आधार पर तैयार किया जाएगा, जबकि 12 वीं का रिजल्ट 11 वीं के मार्क्स पर तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही बैठक में जो विलुप्त हो रही कला तथा संगीत, नृत्य और चित्रकला आदि की विधा को पुनर्जीवित करने के लिए एक गुरु, उसके सहयोगी एवं शिष्यों पर दो वर्ष तक 11 लाख 88 हजार रुपये प्रतिवर्ष खर्च किए जाने की भी मंजूरी मिल गई।