अमित खुटें की रिपोर्ट
मस्तूरी – छत्तीसगढ़ सरकार एक ओर जहां बड़े-बड़े हाईवे नेशनल हाईवे रोड सहित कई छोटे-बड़े सड़कों का निर्माण करवा रही है तो वही मस्तूरी क्षेत्र में बने नेशनल हाईवे सड़क ही गायब हो गया है।सड़कों पर गाड़ी चलाना तो दूर पैदल चलना लोगों के लिए दो भर हो गया है आए बरसात में सड़क की ऐसी दुर्दशा देख लोगों में भारी रोष व्याप्त है कई महीनों से बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हुए सड़क पर आवागमन करने वाले राहगीर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। हर दिन मस्तूरी रोड के गड्ढे में सड़क पर राहगीर दुर्घटनाग्रस्त होकर ही जा रहे। रोड की ऐसी स्थिति कई महीनों से बनी हुई है जिसकी जानकारी पीडब्ल्यूडी के उच्च अधिकारियों को भी है लेकिन कुंभकरण की नींद में सोए पीडब्ल्यूडी के अधिकारी किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता दे रहे हैं तभी गहरी नींद से उठ पाएगे। यही वजह है कि बरसात के दिन होते हुए भी गड्ढों में ना ही मरम्मत कार्य हुआ है और ना ही किसी भी प्रकार की लोगों के आवागमन के लिए सुविधा युक्त सड़क बनाई गई है। मस्तूरी मुख्यालय होने की वजह से आसपास के हजारो ग्रामीणों लोगों का आवागमन मस्तूरी मुख्यालय में रहता है लेकिन रोड की बुरा हाल देख लोगों को और भी ज्यादा परेशानियों में डाल रहा है। हल्की, फुल्की बारिश होते ही नेशनल हाईवे सड़क गड्ढे नुमा तालाब में तब्दील हो जाता है। लोगों की समस्या को लेकर ना तो क्षेत्रीय विधायक इस समस्या को संज्ञान में ले रहे हैं और ना कोई भी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि सहित अधिकारी कर्मचारी इस रोड के विषय में अपने गहरी नींद से जाग नही पा रहे। मस्तूरी जोंधरा चौक से लेकर पातालेश्वर कॉलेज तक की स्थिति बद से बदतर हो गई हैl नए रोड की स्वीकृति होने के बावजूद ठेकेदार के द्वारा भी इस गड्ढे नुमा सड़क पर कोई मरम्मत कार्य भी नहीं करा रहा है, सड़क के दोनों तरफ नाली का निर्माण करवा रहे हैं जो गुणवत्ता हिना के साथ-साथ उपयोगहीन नजर आ रही है वही रोड का पानी नाली में जाएगा कि नाली का पानी रोड में इस तरह से करवा रहे हैं नाली निर्माण जिसका कोई उपयोगिता दिखाई नहीं देता है लाखो रुपये खर्च करने के बाद। मस्तूरी क्षेत्र के लोगों को सड़क की समस्या से आखिर कब निजात मिलेगा इसका कोई ठिकाना नहीं है।