हल्द्वानी: गेंहू व धान की खरीद पर बने दो अलग अलग नियम कानून व्यवस्था से ग्रामीण नाराज हैं गौलापार व चोरगलिया के लोगों ने गेंहू व धान की खरीद को लेकर एक विधानसभा में दो नियमों पर ऐतराज जताया है। ग्रामीणों का कहना है कि लालकुआं विधानसभा का हिस्सा होने के बावजूद बिंदुखत्ता के सरकारी तौल कांटों पर वनभूमि से जुड़े काश्तकारों का धान तौला जाता है।लेकिन गौलापार व चोरगलिया के काश्तकारों के लिए बनाए दूसरे कांटे में यह नियम लागू नहीं होता। वनग्राम में रहकर खेती करने वाले किसानों को मजबूरी में बिचौलियों के माध्यम से फसल बेचनी पड़ती है।
गौलापार से चोरगलिया के गांवों के काश्तकारों की फसल खरीदने के लिए कुंवरपुर व चोरगलिया में मात्र दो सरकारी कांटे लगाए जाते हैं। जहां खतौनी दिखाने के बार टोकन के हिसाब से फसल तौली जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि सुंदरपुर रैक्वाल, सुल्ताननगरी समेत कई गांव के लोगों के पास खतौनी नहीं है। यह लोग फॉरेस्ट से लीज पर मिली जमीन या वन ग्राम की जमीन पर खेती करते हैं। कुछ समय बाद धान की फसल तैयार हो जाएगी। ऐसे में किसानों को फिर से परेशानी का सामना करना पड़ेगा। वहीं, गौलापार व चोरगलिया के लोगों का कहना है कि सरकारी तौल कांटों की संख्या बढ़ाने की भी जरूरत है गौलापार क्षेत्र के पूर्व बीडीसी मेंबर अर्जुन बिष्ट व कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष नीरज रैक्वाल ने बताया कि गौलापार के लोगों की समस्या को लेकर आज डीएम से वार्ता की जाएगी। सभी काश्तकार डीएम दफ्तर में एकत्र होंगे। ताकि सालों पुरानी इस समस्या का समाधान हो सके।