अमित खुटें की रिपोर्ट
00अवैध शराब पर अंकुश को लेकर पुलिस गंभीर नहीं: एक तरफ सभी समाज शराब पर अंकुश लगाने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहा है। जिससे लोग नशा से मुक्ति पा सकें। दूसरी ओर क्षेत्र में सस्ते दामों में कच्ची शराब मिल रही है। जिसकी वजह से लोग शराब लत को छोड़ नहीं पा रहे हैं।
00क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है एक विशेष डायरी की जिसमें लिखा हुआ है सभी अवैध काम करने वालो का नाम सहित मोबाईल नम्बर।
000कुछ लोग यह भी कहते हैं,
दुगने कीमत पर हो रही है बिक्री
अवैध शराब बेचने वाले मुनाफा के चक्कर में शराब दुकान से ज्यादा मात्रा में शराब खरीद कर दुगुने कीमत में बेचते है जिससे शराब पीने वालों को सरकारी शराब दुकान के खुलने का इंतजार नही करना पड़ता है और बड़ी आसानी से शराब उपलब्ध हो जाती है। देशी शराब एक पाव 80 से 100 रुपये तक और इंग्लिश शराब 100 से 200 रुपये तक बेचा जाता है।
00 इतना ही नही मुखफिर भी अवैध शराब बिक्री के बारे में पुलिस को सूचना देते हैं की इस स्थानों में बिक रहा यदि बात बन जाये तब ठीक न बने तो कार्यवाही कर अपने अधिकारियों के आंखों में धूल झोंककर छोटे मोटे कार्यवाही कर वाहवाही लूटी जाती हैं परंतु बड़ी मछलियों पर कार्यवाही नही होते
बता दे कि पचपेड़ी , पटाईडीह, सुकुलकारी, सुलोनी बेल्हा , सोन सबरिया डेरा,सोन में तो सभी प्रकार की शराब मिल जाता है शराबियो प्रेमियों को,
लोहर्षि, भटचोरा, जोन्धरा नदी किनारे ,मनवा, कोकड़ी, खपरी,
ओखर, डोमगाव सहित अन्य जगह अवैध शराब का व्यापार दिन प्रतिदिन फल फूल रहा है
00जानकारो का है कहना लाखो में होता है सिर्फ अवैध शराब में ही थाना को राजस्व का फायदा जैसे कि पूरे क्षेत्र में 300 से भी अधिक लोग शराब बिक्री में लगे हुए हैं जिसमें कुछ लोगो का विभाग से कोई लेनदेन नही है उनके ही खिलाफ मामला दर्ज होता है यदि शिकायत हो तो दबाव में बाकी लोगो से विभाग का सीधा संवाद है उनके ऊपर नही होता है कार्यवाही यदि एक महीने का 250 लोग भी दे रहे होंगे एक हजार रु सहयोग राशि तो 2.50 लाख रू हो सकता है दो हजार दे रहे हैं तो 5 लाख हो सकता है यह सब बाते खुद शराब कोचियों के द्वारा किया जाता है जो बड़े बड़े डीलर है स्वंम बनाते हैं शराब वे लोग तो महीने में सहयोग राशि 50 हजार रुपये से भी ऊपर सहयोग राशि प्रदान करते हैं। यह सिर्फ शराब की राजस्व फायदा हैं थाना को।
बिलासपुर मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के बहु चर्चित बिलासपुर जिले के पचपेड़ी थाना के कई गाँव क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार खुलेआम चल रहा है। फिर भी पुलिस अवैध बिक्री पर अंकुश नहीं, लगा पा रही है। खासबात यह कि इस क्षेत्र के अधिकांश गांव में कई जगहों पर कच्ची शराब भी बनाई जा रही है। इसकी जानकारी पुलिस और आबकारी अफसरों को हैं। अवैध शराब को लेकर विधान सभा में भी कई बार मुद्दा उठाया जा चुका है। इसके बाद भी शराब माफिया के खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। जिसके चलते शराब माफिया खुलेआम अवैध शराब बेच रहे हैं। वहीं दूसरी ओर शासन को हर माह लाखों रुपए राजस्व की हानि हो रही है।
नहीं थम रही है अवैध शराब की बिक्री। इधर शासन अवैध शराब बिक्री और शराब कोचियों को समाप्त करने खुद शराब बेच रही है लेकिन शासन का यह प्रयास विफल होते नजर आ रहा है ना तो अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगा पाई है और ना शराब कोचियों पर। रोजाना नए-नए शराब कोचिये पैदा होते जा रहे है और धड़ल्ले से ग्रामीण वनांचल में व आसपास के क्षेत्रों में जगह-जगह अवैध शराब की बिक्री बिलबिलाते कीड़ो की तरह पनप रहे है। पुलिस विभाग की तरफ से किसी भी प्रकार की कोई भी कार्यवाही नजर नहीं आ रही है। क्या शासन सरकारी शराब दुकान के अधिक मुनाफा को देखकर अवैध शराब बेचने से लेकर शराब कोचियों को खुली छूट दे रखी है या फिर पुलिस की सांठगांठ से इस अवैध कारोबार को खुला संरक्षण दे रखा है और गाँवो के गली, मोहल्ले, होटलों, ढाबो व में खुले आम शराब बेचने का सिलसिला लगातार जारी है।
शराब माफिया दिन दहाड़े जगह-जगह अवैध शराब खुलेआम बेच रहे हैं। इसके बावजूद भी पुलिस एवं आबकारी विभाग अफसर हाथ पर हाथ रखे बैठे हुए हैं।जिला पंचायत सदस्य ने भी में अवैध शराब बिकने को लेकर मुद्दा उठाया था। साथ ही इसके बाद भी शराब माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। खासबात यह कि अवैध शराब लोगों को सस्ते दामों में मिल जाती है। जिसकी वजह से दिन पर दिन शराब पीने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है।
वही इस मामले में जब पुलिस अधीक्षक से संज्ञान लाया गया तो
पुलिस अधीक्षक दीपक झा का कहना है कि क्षेत्र में किसी भी प्रकार का अवैध शराब बिक्री नहीं होनी चाहिए यदि इस तरह की शिकायत है तो कार्यवाही की जायेग़ी।
लेकिन थाना प्रभारी के क्षेत्र में लगातार अवैध शराब बिक्री जारी है पुलिस अधीक्षक के आदेशो का अवहेलना किया जा रहा है।