नितीश कुमार की रिपोर्ट
बिहार पटना आम आदमी पार्टी बिहार की प्रखर प्रदेश प्रवक्ता गुलफिसा यूसुफ ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध किया है कि – वे बिहार जैसे पिछड़े राज्य की जनता को दिल्ली सरकार की तर्ज पर तीन सौ यूनिट नि: शुल्क विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था कराए, यह असम्भव नही है। दिल्ली सरकार मात्र साठ हजार करोड़ के छोटे से बजट में उपभोक्ताओं को दो सौ यूनिट बिजली निशुल्क देने के साथ साथ चार सौ यूनिट तक बिजली आधे दामों पर मुहैया करा रही है। फिर भी वहां की बिजली कंपनिया और दिल्ली सरकार मुनाफे का बजट पेश करती है। यश देश के सभी दूसरे राज्यों के लिए मिशाल है। बिहार का बजट लाखों हजार करोड़ का होता है नीतीश जी के लिए ऐसा कर पाना काफी आसान होगा।
उन्होने आगे कहा है कि- “बिहार में विद्युत आपूर्ति की स्तिथि अव्यवस्थित है। निजी कंपनियां जर्जर सप्लाई लाइन को दुरुस्त करने के बजाय मकान के बाहर जबरन स्मार्ट प्रीपेड मीटर ठोक उपभोगकताओं का शोषण कर रही है। शहरों में अधिकांश मकान मालिक अत्यधिक बिलिग की शिकायत लेकर विद्युत कार्यालयों की खाक छानने को मजबूर हैं।” बाढ़ ग्रस्त अनेकों जिलों के ग्रामीण इलाको में सात से दस घंटे की लॉडशेडिंग की जा रही है जिससे खेती, जनजीवन, छोटे छोटे रोजगार के साथ साथ स्कूली छात्रों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है। उन्होंने लोडशेडिंग के मुख्य कारण बिजली के क्षेत्र में बिहार का आत्म निर्भर नही हो पाना और वर्तमान एनडीए सरकार की उदासीनता को बताया है।
आम आदमी पार्टी बिहार की ओर से प्रदेश प्रवक्ता गुलफिसा यूसुफ ने लोडशेडिंग से प्रभावित जिलों वैशाली, मुजफ्फरपुर, सारण, गया, सहरसा, मधेपुरा, अररिया, कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया, लखीसराय, मुंगेर, बांका, जहानाबाद, भोजपुर, औरंगाबाद में मौजूद बिजली संकट पर चिंता व्यक्त करते हुए त्योहारी महीने में समुचित विद्युत आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था कराने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की है।