संगीता की रिपोर्ट
राज्य सरकार अपने ही बनाये गए कानून को प्राइवेट स्कूलों में लागू करा पाने में विफल
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज झारखंड अभिभावक संघ झारखंड प्रदेश द्वारा निजी स्कूलों के मनमानी व सरकार के उदासिनता रवये को लेकर काला दिवस मनाया। झारखंड शिक्षा संशोधन अधिनियम 2017 और राज्य सरकार के आदेश का पालन सुनिश्चित कराने को लेकर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत झारखंड अभिभावक संघ ने आज 28 मई 21 को प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में प्रातः 11 बजे से 12:00 बजे तक फ़ेसबुक लाइव के माध्यम से निजी स्कूल की मनमानी व सरकार के चुप्पी के विरोध में काली पट्टीबांध कर व प्ले कार्ड के माध्यम से अपना विरोध प्रदर्शन किया।
इस दौरान राज्य के रांची ,रामगढ़, बोकारो, धनबाद, जमशेदपुर,पलामू,गढ़वा,लोहरद,गुमला ,सिमडेगा ,खूंटी, गिरिडीह, देवघर, साहिबगंज ,दुमका आदि जिलों के अभिभावकों ने फेसबुक और सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव कार्यक्रम आयोजित कर अपना विरोध प्रदर्शन किया ।इस अवसर पर अभिभावक अपने हाथों में काली पट्टी बांधकर प्ले कार्ड के माध्यम से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे साथ ही वो अपनी बातों से आम अभिभावको के साथ-साथ राज्य सरकार के अधिकारियों तक अपने समस्याओं से अवगत कराने का काम किया ।
संघ की निम्नलिखित मांग है जिसको लेकर यह चरणबद्ध आंदोलन चलाया जा रहा है ।
1:- सभी निजी विद्यालय झारखंड शिक्षा संशोधन अधिनियम 2017 को लागू करे।
2 :- झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (माध्यमिक शिक्षा निदेशालय) द्वारा ज्ञापांक 13वि12-55/2019/1006 दिनांक:25/05/2020 को जारी आदेश को लागू करे ।
3:- सीबीएसई, आईसीएसई, राज्य बोर्ड द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस को विद्यालय अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें।
4- कोई भी विद्यालय फीस के चलते बच्चों को ऑनलाइन क्लास से वंचित न करें !
5:- अपने ही विद्यालय के छात्रों का क्लास ग्यारहवीं में अथवा किसी कक्षा में री एडमिशन बंद करें और उनसे वर्तमान सत्र में ली गई राशि वापस की जाए!
इस अवसर पर फेसबुक लाइव के माध्यम से प्रदेश पदाधिकारी जिला अध्यक्षों ने एक स्वर में कहा कि राज सरकार समय रहते संघ की मांगों को गंभीरता पूर्वक देखें और अपने आदेश और कानून का पालन सुनिश्चित करें अन्यथा लॉकडाउन में भी अभिभावक सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर सकते इस बात को समझें।
इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष श्री अजय ने कहा कि राज्य सरकार अपने ही कानून को प्राइवेट स्कूलों में लागू नहीं कर पा रही है जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है उन्होंने कहा कि दो झारखंड शिक्षा संशोधन अधिनियम 2017 बने आज लगभग 4 साल होने को है मगर अभी तक राज्य सरकार जिलों के अंदर जो उपायुक्त की अध्यक्षता में शुल्क निर्धारण कमेटी बनाई जानी चाहिए थी वह नहीं बन पाई तो स्कूलों के अंदर कैसे बनेगी यह सोचनीय प्रश्न है।
श्री महेंद्र राय ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना के बढ़ते संक्रमण मैं बेरोजगार हुए अभिभावकों के दर्द को समझे और प्राइवेट स्कूलों के लेकर आदेश जारी करें ताकि स्कूलों द्वारा लिया जा रहा ट्यूशन फीस के अलावा जो राशि है उसे अभिभावकों को वापस हो सके।
राय ने बताया कि चरणबद्ध आंदोलन के क्रम में 30 मई को ट्विटर अभियान @jpajharkhand के तहत हेस्टैक #voice_for_school_feesके माध्यम से चलाया जाएगा जिसमें राज्य स्तर पर अभिभावक अपनी पीड़ा से और स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा सके।
आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ पुष्पा श्रीवास्तव,कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय ,रामदीन कुमार , आलोक गैरा अजय कुमार पंकज ,रेवतीनन्दन चौधरी ,रविशंकर राय, ,,बरुन सिंह,मुकेसधर दुबे, आसीस कुमार,पंकज तिवारी, आरती कुमारी ,पदमिनी कुमारी,विद्यकर कुंवर ,कवलजीत सिंह ,आभा वर्मा ,रजनीश श्रीवास्तव, कुणाल सिंह दीपक शर्मा अभय पांडेय राजेश कुमार,, कुमार,राकेस कुमार, कृपा कुमार, अजय पोद्दार,,प्रियंका सिंह,वंसी यादव ,पारुल राज,सरवरी बेगम ,विकास सिन्हा, मनोज सिन्हा, निरंजनअंजली कुमारी, कृष्ण कुमार, अनसुइया सिंह,अशोक सिंह,मनोज कुमार,हरेंद्र सिंह,कौशल किशोर,मुकेश सिंह, सहित अन्य काफ़ी संख्या में अभिभावक शामिल हुए