छतरपुर बड़ामलहरा छतरपुर जिले में जनपद पंचायत बड़ामलहरा में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत हुए कामों में 2.35 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला सामने आया है। जहा शासन के आदेश अनुसार 60: 40 के अनुपात में किये गए कमो का भुगतान होना था । बह जनपद में पदस्थ कर्मचारियों के द्वारा कमीशनखोरी के चलते अपने चहेतों के भुगतान कर लिए अनुपात का ध्यान न रखते हुए करोड़ो रुपए का भुगतान के एफ टी ओ काटे गए। नाम न बताने की शर्त पर लोगो ने कहा कि जनपद पंचायत बड़ामलहरा में बिना कमीशनखोरी के कोई काम नही होता।10% की कमीशन देने पर चाहे कैसा भी काम हो भुगतान किया जाता है। पिछले कई सालों से यह खेल चल रहा था। यदि सही जांच होती है तो इस घोटाले में सरपंच, सचिव से लेकर जिला पंचायत स्तर के आला अफसर भी इसमें शामिल होंगे।
इन पंचायतों में नही रखा गया अनुपात का ध्यान काट दिए एफ टी ओ
जनपद पंचायत बड़ेला बड़ा मलहरा में नियम एवं कानून का कोई ध्यान नहीं रखा जाता कमीशन के आधार पर नियमों को ताक पर रखकर भुगतान कर दिया जाता है यह कोई पहला मामला नहीं है इसके पहले भी ऐसे कई मामले हो चुके हैं ग्राम पंचायत राजापुर लेबर खर्च 600000 सामग्री 1500000 ग्राम पंचायत मुग्वारी लेबर खर्च 18 लाख सामग्री 22 लाख ग्राम पंचायत खरीदती लेबर खर्च 1600000 सामग्री 22 लाख ग्राम पंचायत बमनी घाट लेबर खर्च 3300000 सामग्री 3900000 ग्राम पंचायत सेंधवा लेबर खर्च 1200000 सामग्री 160000
मनरेगा के कामों में 40 फीसदी राशि मटेरियल के लिए दी जाती है। जबकि 60% मजदूरी होती है पर कमीशन लेने के आदि कर्मचारी ने अपने कमीशन के लालच में आकर नियमो को दरकिनार कर अपने चहेतों का भुगतान कर दिया गया। बही पंचायत संबंधी जानकार लोगो का कहना है कि मटेरियल की सप्लाई में भी धांधली हुई। जितना मटेरियल लगना बताया जा रहा है, उनका दिख नहीं रहा।