रितेश साहू की रिपोर्ट
जैजैपुर – छत्तीसगढ़ सरकार गरीबों के हित में अनेकों प्रकार की योजना बना रही है, जिससे योजना का लाभ पूरे जिलो, ब्लाको ,और ग्राम पंचायतों के गरीब ग्रामीणों हर व्यक्ति तक पहिचे लेकिन जिम्मेदार अधिकारीयों का यह फर्ज बनता है कि अपने कार्यो को निष्ठापूर्वक एवं जिम्मेदारना से कार्य करे ताकि योजन का लाभ ग्रामीणों को हो सके लेकिन कई ऐसे लापरवाह अधिकारी या कर्मचारी गण है जो इन नियमों को ताक में रख कर कानूनों को ठेंगा दिखाते नजर आ रहे हैं। कुछ ऐसे ही उदाहरण हमें जांजगीर चांपा जिला के जैजैपुर जनपद पंचायत के अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत भातमाहुल में देखने को मिल रहा है, वही ग्राम पंचायत भात माहुल ग्रामीणों का आरोप है की ग्राम पंचायत भातमाहुल के सचिव हेमलाल भार्गव ज्यादातर पंचायत भवन से नदारद रहते है और सचिवालय में ताला लटका रहता है। जिससे ग्रामीणों को बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हम आपको बता दे की ग्राम पंचायत भातमाहुल की जनसंख्या तीन हजार है जिसमें कई लोगो को जन्म प्रमाण पत्र,या मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना होता है ऐसे ही कई जरुरी कार्यो के लिए उनको कई बार पंचायत भवन का चक्कर काटना पड़ता है मगर यहा के लोगो को उनको निराशा के सिवाय कुछ हासिल नही हो पाता है, फोन लगाकर पूछने पर कभी फोन भी उठाया नही जाता और कभी गलती से उठा लिये तो जनपद में काम है इसलिए जैजैपुर आया हूं कहके बहाना बनाकर अपने घर में ही रहता और कई बार लोगो को सचिव के हस्ताक्षर करवाने के लिए 15 किलोमीटर दूर उनके घर तक जाना पड़ता लेकिन मिलने से मना कर देता जिससे ग्रामीण को खाली हाथ निराश घर वापस लौटना पड़ता है वहीं सचिव साहब 6 – 6 महा से आते नहीं जिससे कई काम सचिव के बिना रुक जाता है अब आप सोच सकते है किस तरह से मनमानी एवं लापरवाही ग्राम पंचायत भातमाहुल के सचिव द्वारा किया जा रहा है जिससे लगातार कार्यालय से सचिव नदारत रहने के कारण शासकीय योजना का लाभ ग्रामीण को नहीं मिल पाता है गौरतलब आप को बात दे कि सचिव के अधिकतर नदारद से ग्राम पंचायत भातमाहुल के सरपंच भगवान लाल चंद्रा अनेकों शासकीय कार्य जैसे सड़क निर्माण, तालाब साफ-सफाई ,नाली निर्माण ,चबूतरा निर्माण, मूलभूत का पैसा,आदि निर्माण कार्य पैसा आता है लेकिन निर्माण कार्य ना कर शासकीय पैसे का दुरुपयोग कर अपने निजी कार्य में लागकर भ्रष्टाचार व मनमनी कर लाखो रूपये को सचिव व सरपंच मिलीभगत से बंदरबांट कर रहे हैं और सिर्फ कागजों में कर रहे हैं तब्दील ताकि जेब भरने या दबाने की फिराक से जिससे ग्रामीणों को नहीं मिल रहा कोई सरकारी योजना का कोई सुविधा।
*राजकुमारी चंद्रा उपसरपंच ग्राम पंचायत भातमाहुल*
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जब से ग्राम पंचायत भातमाहुल मे सचिव हेमलाल भार्गव पद ग्रहण किया है जब से लगभग एक साल हो रहा है सचिव एक से दो बार पंचायत आया है ना कोई बैठक करता है और हमेशा लगातार नदारद रहने के कारण ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिससे सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलता गरीब ग्रामीणों को पंचायत भवन का चक्कर काटना पड़ता है जिसकी शिकायत उच्च अधिकारी को किया गया था जिससे ठोस कार्रवाई नहीं किया गया जिससे कारण हौसला बुलंद है
*रामकिशन चंद्र ग्रामीण*
वहीं ग्रामीण का कहना है कि सचिवालय दिवस तो दूर की बात है सचिव साहब 6- 6 महा से नदारत रहते है जिससे मै एक विकलांग हूं एक छोटा सा परिवार है जिससे सचिव हेमलाल भार्गव ज्यादातर पंचायत भवन से नदारद रहीन के कारण ग्राम पंचायत में ताला लटका रहता जिससे कई बार चक्कर काटना पड़ता है जिसने मेरे को आने में समस्या होती है जिससे मुझे सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा हमें ऐसे सचिव नहीं चाहिए जो गांव का विकास या ग्रामीणों का हित के लिए ना कुछ कर पाए ।