राजस्थान ब्यूरो रिपोर्ट
वर्तमान में प्रदेश में मात्र 112 ईसीजी टेक्निशियन ही राज्य सेवा में कार्यरत है, जो प्रदेश की 7 करोड़ आबादी को ईसीजी (दिल की जांच) रिपोर्ट की चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बहुत ही कम है, वहीं दूसरी ओर सैकड़ों ईसीजी टेक्नीशियन सरकारी ट्रेनिंग करने के बावजूद बेरोजगार बैठे हैं साथ ही एक पहलू यह भी है कि राज्य में ह्रदय संबंधित बीमारियों से निपटने के लिए “राहत” (राजस्थान हार्ट अटैक ट्रीटमेंट) प्रोग्राम की सफलता के लिए भी आरपीएमसी (राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल) रजिस्टर्ड एवं प्रशिक्षित इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम (ईसीजी) टेक्नीशियनों की अत्यंत आवश्यकता है क्योंकि इस्केमिक (आईएचडी) ह्रदय रोग के दुनियाभर में मामलों का करीब एक चौथाई हिस्सा अकेले भारत में होता है दिल में खून की कम आपूर्ति इस बीमारी का प्रमुख लक्षण है! इस्केमिक ह्रदय रोग भारतीय मरीजों में हार्ड फेलियर का मुख्य कारण है, प्रदेश में चल रहे “राहत” प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य ह्रदय रोगों के चलते होने वाली मौतों की संख्या को कम कर रोकथाम करना है ऐसे में ईसीजी टेक्नीशियनों की पर्याप्त मात्रा में भर्ती होना अति आवश्यक है जिसकी मांग पहले भी कई बार उठ चुकी है लैब टेक्नीशियन, रेडियोग्राफर एवं ईसीजी टेक्नीशियन पैरामेडिकल संवर्ग में ही आते हैं तीनों की शैक्षणिक एवं तकनीकी योग्यता भी समान है, प्रदेश की 7 करोड़ जनसंख्या के अनुपात में राज्य सेवा में कार्यरत 112 ईसीजी टेक्निशियन अत्यंत कम होने के कारण अधिकतर अस्पतालों में अप्रशिक्षित स्टाफ से ईसीजी जांच का कार्य करवाया जाता रहा है जिनके द्वारा की गई ईसीजी रिपोर्ट एक चिंता का विषय है! प्रशिक्षित ईसीजी टेक्नीशियन कार्मिकों की कमी के चलते विशेषत: ग्रामीण क्षेत्र के ह्रदय रोगियों को प्राथमिक ईसीजी जांच के लिए भी मजबूरन जिला चिकित्सालयों या निजी चिकित्सालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं कई बार समय पर उपचार न मिलने की वजह से ह्रदय रोगियों को जान तक गंवानी पड़ जाती है जो अत्यंत ही दुखद है !
सर्वविदित है की वर्तमान में कोरोना वायरस संक्रमण से ह्रदय रोगियों को अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है एवं उनकी जान भी जाने का खतरा बना रहता है जिसकी पुष्टि डब्ल्यूएचओ एवं आईसीएमआर द्वारा की जा चुकी है ऐसी स्थिति में सभी ह्रदय रोगियों एवं कोरोनावायरस संक्रमित की ईसीजी की जांच के लिए भी ईसीजी टेक्नीशियनों की अत्यंत आवश्यकता है!
प्रदेश में ईसीजी टेक्नीशियनों के पद अत्यंत ही कम होने के बावजूद यह संवर्ग कोविड-19 में अपनी सेवाएं तन-मन-धन से कर रहा है साथ ही राज्य के समस्त अस्पतालों में कार्यरत समस्त ईसीजी टेक्नीशियन कंधे से कंधा मिलाकर कोरोना संक्रमण प्रबंधन में लगे हुए हैं राज्य में ग्रामीण क्षेत्र के रोगियों की ह्रदय रोगों संबंधित जांच प्रशिक्षित ईसीजी टेक्नीशियन की कमी के चलते नहीं हो पा रही है जबकि ईसीजी टेक्निशियन पैरामेडिकल संवर्ग के पद प्रत्येक पीएचसी, सीएचसी अस्पतालों एवं डिस्पेंसरी में सृजित है अगर इन सब पर बेरोजगार ईसीजी टेक्नीशियनों को नियुक्ति दे दी जाए तो कोरोना संक्रमण प्रबंधन करने में जनता को और अधिक राहत मिल सकती है!
अखिल राजस्थान ईसीजी टेक्निशियन बेरोजगार संघ के संयोजक बृजमोहन मीना ने बातचीत में बताया कि इस संबंध में राज्य के कई विधायकों, सांसदों, कर्मचारी संगठनों एवं बेरोजगार संगठनों की ओर से भी सरकार को समय-समय पर कई बार मांग पत्र भेजे गए हैं लेकिन सरकार ने अभी तक बेरोजगार ईसीजी टेक्नीशियनों की ओर ध्यान नहीं दिया है, वर्तमान सरकार से कई बार मांगे की जा चुकी है हाल ही कोरोना काल में उम्मीद के साथ कई पत्र मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा मंत्री महोदय को लिखे जा चुके हैं जिनके जवाब का हर बार की तरह इंतजार ही है! अस्पतालों में प्रशिक्षित ईसीजी टेक्निशियन उपलब्ध नहीं होने की वजह से अप्रशिक्षित लोगों के द्वारा ईसीजी की जांच करवाई जा रही है जिसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं और यह मरीज के साथ घोर लापरवाही की श्रेणी में आता है अप्रशिक्षित स्टाफ सही ढंग से जांच नहीं कर पाते हैं जिसकी वजह से मरीज को सही इलाज नहीं मिल पाता है ह्रदय रोगी को अगर समय पर सही इलाज नहीं मिलता है तो उसकी जान तक जा सकती है ईसीजी टेक्निशियन कार्डियोलॉजिस्ट के साथ ईसीजी सलाहकार के रूप में भी काम करते हैं, एवं ट्रेडमिल टेस्ट( टीएमटी) 2D -इकोकार्डियोग्राम की रिपोर्टिंग करना, बीपी नापना, हॉल्टर मॉनिटर लगाना एवं रिपोर्ट निकालना, पेसमेकर लगवाना इत्यादि तरह के तमाम काम ईसीजी टेक्निशियन करते हैं जिसमें वे प्रोफेशनल (प्रशिक्षित) होते हैं इसीलिए अप्रशिक्षित स्टाफ से ईसीजी करवाना बहुत ही घातक साबित हो सकता है मीना ने बताया कि अतिरिक्त निदेशक प्रशासन महोदय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को ज्ञापन लेकर जल्द से जल्द सीधी भर्ती निकालने की मांग कई बार की जा चुकी है, प्रदेशाध्यक्ष पिंटू कुमार सिंघाड़ियां ने बताया कि सरकार का इन समस्याओं पर ध्यान नहीं देना अत्यंत ही दु:खद है ईसीजी जांच की सुविधा आजकल प्रत्येक ह्रदय रोगी की प्राथमिक जांच है, जोकि अत्यंत आवश्यक है! ध्यान नहीं देने की वजह से लगभग 45% लोगों को हृदय संबंधित समस्या रहती है जिस पर ध्यान देना अति आवश्यक है!