सतबिंदर सिंह की रिपोर्ट
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि राजस्थान सरकार भी केंद्र द्वारा हाल ही में पारित कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ विधेयक लाएगी और इसके लिए जल्द ही राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा। राज्य मंत्री परिषद की मंगलवार शाम को हुई बैठक में यह फैसला किया गया।
मुख्यमंत्री गहलोत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में केन्द्र सरकार द्वारा किसानों से सम्बन्धित विषयों पर बनाए गए तीन नए कानूनों से राज्य के किसानों पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की गई। बैठक के बाद जारी सरकारी बयान के अनुसार मंत्री परिषद ने राज्य के किसानों के हित में यह निर्णय किया कि किसानों के हितों को संरक्षित करने के लिए शीघ्र ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए।
गहलोत ने ट्वीट किया, ”आज पंजाब की कांग्रेस सरकार ने इन कानूनों के विरुद्ध विधेयक पारित किये हैं और राजस्थान भी शीघ्र ऐसा ही करेगा।” बयान के अनुसार, राज्य मंत्री परिषद ने फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की अनिवार्यता पर जोर दिया। साथ ही, व्यापारियों द्वारा किसानों की फसल खरीद के प्रकरण में विवाद होने की स्थिति में उसके निपटारे के लिए दीवानी अदालत के अधिकारों को बहाल रखने पर भी चर्चा की।
मंत्री परिषद का मत है कि राजस्थान में ऐसे प्रकरणों में फसल खरीद के विवादों के मण्डी समिति या दीवानी अदालत के माध्यम से निपटारे की व्यवस्था पूर्ववत रहनी चाहिए।
मंत्री परिषद ने माना कि नए कृषि कानूनों के लागू होने के बाद आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सामान्य परिस्थितियों में विभिन्न कृषि जिन्सों के भंडार की अधिकतम सीमा हटाने से कालाबाजारी बढ़ने, अनाधिकृत भण्डारण तथा कीमतें बढ़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। बैठक में यह भी चर्चा की गई कि अनुबंध कृषि अधिनियम में न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रावधान रखना प्रदेश के किसानों के हित में होगा।