विकास और विक्रम सिंह की रिपोर्ट
लुधियाना। कोरोना संकट के कारण दूसरे प्रदेशों विशेषकर उत्तर प्रदेश और बिहार से रोजी-रोटी की तलाश में पंजाब आए छोटे तबके के लोगों में घबराहट पैदा हो गई है। कुछ तो वापस घर जाना चाहते हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों का मानना है कि यह समस्या तो अस्थायी है। कर्फ्यू व लॉकडाउन खुलने के बाद सब ठीक हो जाएगा।
अपने पसीने के बल पर समृद्धि की इबारत लिखने वाले पूर्वांचलियों का कहना है कि पंजाब ने हमको बहुत कुछ दिया है। उत्तर प्रदेश और बिहार हमारी जन्मभूमि है। पंजाब में अथक मेहनत कर हमने इसको अपनी कर्मभूमि बना लिया है। यहां से हमें सुख समृद्धि मिली है। कई लोग मजदूर से मालिक बन गए हैं। हम यहां इस उम्मीद से जमे हैं कि संकट का दौर खत्म होने के बाद हमारा रोजगार फिर चल पड़ेगा। होजरी फैक्टरी में काम करने वाले कैलाश झा, विनोद साह व तपेश्वर साह कहते हैं कि हम लोग यहां ठीक हैं। घर पर परिजन चिंतित हैं, इसलिए कर्फ्यू खुलने के बाद घर जाना जरूरी है। थोड़े दिन में फिर वापस आकर होजरी में काम करेंगे।
श्रमिकों और रेहड़ी व रिक्शा चलाने के रोजगार से जुड़े लोगों का कहना है कि यहां कर्फ्यू में भी भोजन की समस्या नहीं है। जगह-जगह लंगर लगे हुए हैं। लोग भूखे नहीं सो रहे हैं। अब तो उत्तर प्रदेश और बिहार से आए लोगों द्वारा बनाए गए संगठन भी राशन और भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। यहां से कहीं चले गए तो बड़ी समस्या पैदा हो सकती है।
रेहड़ी-फड़ी फेडरेशन के प्रधान टाइगर सिंह कहते हैं कि अब कोई घर नहीं जा रहा है। पहले थोड़े लोग जरूर गए थे। अब जो लोग यहां हैं, वे धैर्य के साथ रह रहे हैं। कर्फ्यू खत्म होने के बाद सभी अपना काम-धंधा करेंगे। सरकार भी वेंडर जोन चिन्हित कर चुकी है। इससे कर्फ्यू खुलने के बाद वेंडर जोन शुरू हो जाएगा। रिक्शा यूनियन के प्रधान रामानंद का कहना है कि जब पूरे देश में लॉकडाउन है तो गांव जाकर क्या मिलेगा। रिक्शा चला कर गुजारा करना है तो अच्छा है कि यहीं रह कर कर्फ्यू व लॉकडाउन खुलने का इंतजार करें, ताकि सब ठीक हो जाए।
प्रशासन व संगठन उपलब्ध करा रहे भोजन व राशन
श्री श्री छठ पूजा समिति के प्रधान मुकेश कुमार कहते हैं कि समिति इस संकट से निपटने के लिए अटूट लंगर और राशन वितरण का काम कर रही है। जहां श्रमिकों को ज्यादा परेशानी है, सूचना मिलने पर टीम वहां पहुंच कर राशन बांटती है। इससे लोगों का धैर्य बढ़ता है। लुधियाना के डीसी प्रदीप अगवाल का कहना है कि श्रमिक घर नहीं जा रहे। उनके लिए भोजन और राशन की व्यवस्था की जा रही है। किसी को कोई परेशानी नहीं हो रही है।