विकास की रिपोर्ट
पंजाब के गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर के शिक्षकों की ड्यूटी पर दिए गए एक आदेश को लेकर शिक्षकों में आक्रोश है. गुरदासपुर के डीसी ने एक आदेश जारी कर स्थानीय सरकारी टीचरों की ड्यूटी शराब की फैक्ट्रियों और डिस्टलरी में लगाने के निर्देश दिए हैं.
शराब फैक्ट्री और डिस्टिलरी में बनाई जा रही शराब पर निगरानी रखने और शराब की अवैध सप्लाई रोकने के लिए शिक्षकों की तैनाती हुई है. शिक्षकों पर तस्करी रोकने की भी जिम्मेदारी होगी. शिक्षकों को सर्वे करने के भी निर्देश दिए गए हैं.
कमिश्नर के इस आदेश को लेकर टीचरों में बेहद नाराजगी है.
ज्वाइंट टीचर्स एसोसिएशन का कहना है कि टीचर का पद एक सम्माननीय पद है और टीचरों से शराब की फैक्ट्रियों में ड्यूटी करवाया जाना गलत है.
शिक्षकों में आक्रोश
एसोसिशएन का कहना है कि कमिश्नर को अपने इस आदेश को जल्द से जल्द वापस लेना चाहिए. इस आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर शिक्षक अपनी ड्यूटी पर नहीं पहुंचते हैं तो उनके खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई की जा सकती है. प्रशासन के इस आदेश को लेकर शिक्षक बेहद आक्रोशित हैं.
पंजाब में शराब की हो रही होम डिलिवरी
पंजाब सरकार ने शराब की होम डिलीवरी की अनुमति दी है. 7 मई से ही लोग अपने मनपसंद ब्रांड को ऑर्डर कर रहे हैं और उन्हें सप्लाई करके शराब पहुंचाई जा रही है. दरअसल पंजाब सरकार ने शराब ठेकों पर उमड़ रही भीड़ को कम करने के लिए ये फैसला लिया है. फिर भी शराब की तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं.
दरअसल शिक्षकों को भी ड्यूटी पर तैनात करने का मकसद यह है कि लॉकडाउन के चलते शराब की तस्करी बढ़ गई है. लॉकडाउन का कड़ाई से पालन होने की वजह से लोग शराब नहीं ले पा रहे हैं. ऐसे में कुछ लोग तस्करी कर रहे हैं. तस्करी को रोकने के लिए डीसी ने यह फैसला लिया है.