राकेश की रिपोर्ट
चंडीगढ़। भारत का प्रमुख स्पोर्ट्स लिटरेचर फेस्टिवल ‘प्लेराइट’ शनिवार को यहां शुरू हुआ। स्पोर्ट्स लिट फेस्ट के तीसरे संस्करण में खेल प्रेमियों ने खेलों और खिलाड़ियों से संबंधित विभिन्न विषयों पर वरिष्ठ और युवा खिलाड़ियों से अलग-अलग सत्र में सकारात्मक चर्चा की। इस मौके पर हरियाणा खेल विभाग के प्रमुख सचिव ओपी सिंह मुख्यातिथि थे।
आज ‘ओलंपिक ड्रीम्स’ नाम के पहले सत्र को प्लेराइट के संस्थापकों में से एक विवेक अत्रे द्वारा शुरू किया गया। इस सेशन में आमिर खान की फिल्म दंगल की असली स्टार बबीता फोगाट (2014 के कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक विजेता) प्रमुख तौर पर शामिल थीं। फोगाट ने कहा कि अगर उसके पिता उनके खेल को लेकर इतने सख्त नहीं होते तो आज वह इस मुकाम पर नहीं होती। फोगाट ने कहा कि ‘दंगल’ फिल्म में चीजों को बढ़ा-चढ़ा कर नहीं दिखाया गया है। उन्होंने बताया कि कैसे वह अक्सर अपनी मां से पूछती थी कि उसके पिता द्वारा उनकी जिंदगी इतनी सख्त और कठिन क्यों बनाई गई है। मां बस जवाब देती कि ‘बस, 2 साल और’।
हॉकी के गौरव को बचाने में सक्षम नहीं होने पर खेद : अजीत
आज के तीसरे सेशन को ‘हॉकी : द 70 शो’ नाम दिया गया, जिसमें अजीत पाल सिंह और अशोक कुमार (स्वर्गीय मेजर ध्यानचंद के पुत्र) जैसे हॉकी के दिग्गजों ने भाग लिया। सेशन की मेजबानी वरिष्ठ पत्रकार प्रभजोत पॉल सिंह ने की। इस कार्यक्रम में महान हॉकी लीजेंड बलबीर सिंह सीनियर मुख्य मेहमान थे। वे बीते काफी समय से खराब स्वास्थ्य से जूझ रहे हैं, इसके बावजूद वे आयोजन में पूरी सक्रियता के साथ शामिल हुए। अशोक कुमार और अजीत पाल सिंह दोनों ही उस भारतीय टीम का हिस्सा थे, जिसने 1975 कुआलालंपुर विश्व कप जीता था। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण विश्व प्रतियोगिताओं से पहले चयन प्रक्रिया के दौरान हमारी टीम में कुछ अजीब बदलाव किए गए, जिससे आगे और भी प्रतिकूल और खराब प्रदर्शन हुए। अजीत पाल सिंह ने दर्शकों से विनम्रतापूर्वक एक भावनात्मक टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘मुझे वास्तव में खेद है कि हम महान भारतीय हॉकी की शान को बरकरार नहीं रख सके।’