अमृतसर । लोहड़ी के त्यौहार को देखते हुए जिला प्रशासन व पुलिस की तरफ से चाइना डोर के खिलाफ चलाया गया अभियान बुरी तरह से फेल साबित हुआ है। हालत यह है कि लोग सरेआम बेखौफ होकर डी.सी. व पुलिस कमिश्नर के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए चाइना डोर का प्रयोग कर रहे हैं और चाइना डोर से पतंग उड़ाते नजर आ रहे हैं। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कैबिनेट मंत्री ओ.पी.सोनी की तरफ से भी जिला पुलिस व कमिश्नर पुलिस को चाइना डोर की बिक्री करने वालों व इसका प्रयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे लेकिन इसका भी कोई खास असल नजर नहीं आया है। ऐसे बहुत कम लोग नजर आ रहे हैं जिनके हाथ में परम्परागत डोर की चलखड़ी या परम्परागत डोर का पिन्ना है सभी के हाथों में चाइना डोर के गट्टू ही नजर आ रहे हैं।
हालांकि कुछ ईमानदार पुलिस अधिकारियों ने चाइना डोर के मामले को गंभीरता से लेते हुए कई चाइना डोर विक्रेताओं को ट्रैप लगाकर गिरफ्तार किया और पर्चे भी दर्ज किए लेकिन कानूनी मामलों के जानकारों का कहना है कि जब तक समूह पुलिस अधिकारी व प्रशासनिक अधिकारी चाइना डोर के मामले को गंभीरता से नहीं लेते हैं तब तक इस डोर का सफाया नहीं हो सकता है। अभी बीते शनिवार एक बिजली कर्मचारी की चाइना डोर की चपेट में आने से आंखें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। दर्जनों लोगों के गले कट चुके हैं लेकिन चाइना डोर का प्रयोग करने वाले बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि पुलिस को यह पता नहीं है कि मौजूदा समय में चाइना डोर का निर्माण कहां पर हो रहा है, लेकिन पुलिस इस मामले को गंभीरता से नहीं लेती है और लोहड़ी का त्यौहार बीत जाने के बाद यह अभियान भी ठंडा हो जाता है।
पर्चा दर्ज होने पर भी चाइना डोर बेचता है कटड़ा कर्म सिंह का दुकानदार
वैसे तो पुलिस की तरफ से इस बार कई ऐसे चाइना डोर विक्रेताओं को गिरफ्तार किया गया है जो इस काले कारोबार में नए चेहरे हैं लेकिन इस खेल में एक चेहरा ऐसा भी है जिसको किसी प्रकार की शर्म हया नहीं रही है। कटड़ा कर्म सिंह का एक चाइना डोर विक्रेता जिसके खिलाफ पुलिस की तरफ से कई बार चाइना डोर बेचने के पर्चे दर्ज हो चुके हैं उसे कानून का कोई भय नहीं रहा है। बार-बार पर्चा दर्ज होने के बावजूद इस डोर विक्रेता ने चाइना डोर की बिक्री की और खूब मुनाफा भी कमाया। डेढ़ सौ रुपए वाला चाइना डोर का गट्टू इस विक्रेता ने 8 सौ से 1 हजार रुपए में बेचा, लेकिन हर वर्ष पुलिस की छत्रछाया इस पर रहती है और यह सरेआम चाइना डोर की बिक्री करता है।
आसमान में नजर नहीं आते हैं पंछी
लोहड़ी के त्यौहार से एक दिन पहले ही रविवार होने के चलते आकाश में चारों तरफ पतंगों के साथ चाइना डोर ही उड़ी जिससे आकाश में पंछी भी उड़ान नहीं भर सके क्योंकि प्लास्टिक से बनी यह डोर जब किसी पंछी के पंखों में फंस जाती है तो उसकी तड़प- तड़प कर मौत होती है। पर्यावरण प्रेमियों की तरफ से इस डोर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर हो चुकी है और इस डोर पर बैन भी है लेकिन फिर भी ज्यादातर पतंग उड़ाने वाले लोगों के हाथ में चाइना डोर ही नजर आता है।
चाइना डोर को गैर जमानती अपराध के दायरे में लाना चाहिए
चाइना डोर की बिक्री करने वाले इसलिए भी बेखौफ हो जाते हैं क्योंकि चाइना डोर की बिक्री करने वालों को जब पकड़ा जाता है तो उस पर धारा 188 के तहत पर्चा दर्ज होता है जिसकी थाने में ही जमानत हो जाती है। एडवोकेट संदीप गोरसी व समाज सेवक विजय अग्रवाल का कहना है कि चाइना डोर की बिक्री व इसका प्रयोग तभी रुक सकता है जब चाइना डोर को गैरजमानती अपराध में शामिल किया जाए। चाइना डोर की बिक्री व इसका प्रयोग करने वाले की जमानत न हो तभी इस खूनी डोर को बेचने वालों में कानून का खौफ पैदा होगा अन्यथा हर वर्ष प्रशासन इस डोर के खिलाफ अभियान चलाएगा और यह अभियान फेल होता रहेगा। अदालतों में काम करने वाले वकील भाइयों व जज साहिबान से भी अपील की जाती है कि वह चाइना डोर बेचने वालों को जमानत न दें और वकील भाई चाइना डोर बेचने वालों व चाइना डोर का प्रयोग करने वालों का केस न लड़ें। आलम यह रहता है कि जब कोई जिम्मेवार व्यक्ति पुलिस को चाइना डोर का प्रयोग करने वालों की सूचना देता है तो पुलिस इस पर गौर ही नहीं करती है यह कहकर फोन करने वाले को टाल दिया जाता है कि हम किसी दूसरे केस में व्यस्त हैं।