डिलेश्वर प्रसाद साहू की रिपोर्ट
धमतरी – पर्यावरण संरक्षण के लिए मैसेज भेजने वाले, अपील करने वाले लोग खूब मिलेंगे, लेकिन कुछ ही लोग होते हैं जो उसे अपने जीवन में उतार पाते हैं। ऐसे ही एक शख्स कुरुद ब्लॉक ग्राम गाड़ाडीह का निवासी प्रभुराम सिन्हा, जो सुबह की शुरूआत पेड़ों को सहेजने के साथ करते हैं। पेड़ पौधों से ऐसा लगाव हुआ कि अब तक 16 सालों में पांच सौ से अधिक पेड़ पौधे लगा चुके हैं। उनका कहना है कि जब तक आप अपने आप को पर्यावरण से अटैच नहीं करोगे, तब तक आपको इनकी महत्ता समझ में नहीं आएगी। अब तक आखिरी श्वास तक पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा है।
पौधे लगाना मुश्किल काम नहीं है, ये कोई भी कर सकता है, लेकिन पौधों की पेड़ बनने तक हिफाजत करना मुश्किल है। माँ बनकर उनकी बच्चों की तरह देखभाल करनी होती है, इसलिए आप पौधे तभी लगाएं जब आप यह ज़िम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हों’ ये कहना है ग्राम गाडाडीह निवासी प्रभुराम सिंह का।
नगरी ब्लॉक के ग्राम बिलभदर ग्राम पंचायत में पदस्त पंचायत सचिव प्रभुराम सिन्हा अब तक 500 से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं और खास बात यह है कि इनमें से अधिकांश पौधे अब पेड़ बन चुके हैं। पर्यावरण संरक्षण के प्रति जुनूनी प्रभुराम सिन्हा के गांव के चारों तरफ आपको ऊँचे-ऊँचे पेड़ नज़र आएंगे, जो उनके प्रयासों के चलते ही ‘नवजात’ से ‘पूर्व विकसित’ अवस्था में पहुँच पाए हैं ।
खास बात यह है कि अब तक सैकड़ो से ऊपर पीपल का पेड़ लगा चुके हैं ,प्रभुराम का दावा है कि जिला में सबसे अधिक पीपल का पेड़ वाला गांव अपने गांव गाड़ाडीह को बनाना चाहता है ,क्योकि पीपल का पेड़ सबसे ज्यादा ऑक्सीजन प्रदान करता है । गांव इलाका काफी हरा-भरा है , यहां पर्यावरण के लिए हितकारी पेड़ जैसे कि पीपल, नीम, बरगद आदि अच्छी खासी संख्या में हैं। प्रभुराम का जोर खासकर ऐसे ही पौधे रोपने पर रहता है। सबसे पहले प्रभुराम सिन्हा ने अपने आसपास पौधे लगाना शुरू किया और बच्चों की तरह उनकी देखभाल करते रहे। सुबह-शाम वह घर से पानी लेकर जाते और पौधों की प्यास बुझाते। उनका लगाया हुआ बरगद का पौधा आज 16 साल का हो गया है और गर्मी के दिनों में सूरज की तपिश से राहत प्रदान करता है