हरीश साहू की रिपोर्ट
बिलासपुर । रतनपुर में नगर पालिका अधिकारी द्वारा वीआईपी ट्रीटमेंट न देने पर दुर्व्यवहार करने का मामला सामने आया है। मामला रतनपुर स्वास्थ्य केंद्र का है। शिकायत प्रभारी डॉक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखकर की है।
जानकारी के मुताबिक रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी ने शहर की मुख्य नगर पालिका अधिकारी मधुलिका सिंह के परिजनों को VIP ट्रीटमेंट नहीं दिया। इससे नाराज CMO ने अस्पताल में ही डॉक्टर से दुर्व्यवहार किया। यही नहीं अनुविभागीय अधिकारी और कलेक्टर से भी उनकी शिकायत कर दी।
इस दुर्व्यवहार से आहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. अविनाश सिंह ने प्रभारी के पद से इस्तीफा भेज दिया है। बताया जा रहा है, रतनपुर की मुख्य नगर पालिका अधिकारी बिलासपुर में रहती हैं।रविवार 11 अप्रैल को कोरोना जांच के लिए भीड़ लगी हुई थी। दोपहर 12 बजे नगर पालिका अधिकारी मधुलिका सिंह चंदेल अपने तीन-चार परिजनों को बिलासपुर से कोविड टेस्ट कराने स्वास्थ्य केंद्र पहुंची साथ ही प्रभारी डॉ.अविनाश सिंह पर तुरंत जांच करने के लिए दबाव बनाने लगी।
ऐसे में डॉ.अविनाश ने समझाया कि अभी कोविड लैब में बहुत भीड़ है, 93 लोग वेटिंग में है। रविवार होने के कारण स्टॉफ की कमी है। कुछ देर बाद प्राथमिता से जांच करा दिया जाएगा। आरोप है कि सीएमओ मधुलिका सिंह और उसके साथ आए मुकेश जोशी ने कुछ भी समझने से इंकार करते हुए चिल्लाना शुरु कर दिया और डॉ. अविनाश से दुर्व्यवहार करने लगे। डॉक्टर अविनाश ने कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारी कोटा को फोन पर पूरी घटने की जानकारी दी लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों द्बारा भी सीएमओ का पक्ष लेते हुए डॉक्टर पर दबाव बनाया गया।
CMHO को भेजे गये पत्र में डॉ. अविनाश सिंह ने लिखा, CMO मधुलिका सिंह और उनके सहयोगी मुकेश जोशी ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया है। यही नहीं कोटा SDM और बिलासपुर कलेक्टर को फोनकर उनकी शिकायत की है। प्रशासनिक अधिकारी भी CMO का ही पक्ष लेकर उनपर दबाव बना रहे हैं। डॉ. अविनाश सिंह ने लिखा है कि इस दुर्व्यवहार से वे मानसिक रूप से व्यथित हैं। ऐसी अवस्था में वे प्रभारी की जिम्मेदारी नहीं संभाल सकते। उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रतनपुर के प्रभार से मुक्त कर दिया जाये।
उन्होंने दुर्व्यवहार से आहत होकर पत्र में लिखा है कि- दबाव में काम नहीं करना है, अगर आम लोगों के लिए वीआईपी की संवेदना नहीं है और जिम्मेदारी नहीं है। तो ऐसे में मुझे चिकित्सालय का प्रभार नहीं चाहिए दबाव में आकर मैं काम नहीं कर सकता ऐसे में मुझे प्रभार से हटा दें।
डॉक्टर अविनाश ने सीएमएचओ डॉ.प्रमोद महाजन को पत्र लिखते हुए कहा है कि एक साल से कोरोना महामारी में दिन रात काम कर रहें है। आम लोगों के लिए मेरी संवेदना गलत है क्या, जो वीआईपी लोगों के जांच के लिए आमजनों को परेशान करूँ? उनका कहना है कि- मैं इस व्यवहार से मानसिक रुप से परेशान हूँ, मुझे रतनपुर के प्रभारी पद से हटा दिया जाये। ऐसी स्थिती में मैं काम नहीं करना चाहता हूँ, प्रभार से मुक्त होना चाहता हूँ।