नीतीश कुमार ने बुधवार को आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बने हैं। इस महीने के अंत में विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के दौरान महागठबंधन की नई सरकार सदन के पटल पर विश्वास मत हासिल करेगी। विश्वास मत से पहले नए अध्यक्ष का चुनाव होगा। अपनी पहली कैबिनेट बैठक में इस नई सरकार ने 24 और 25 अगस्त को विधानसभा का सत्र बुलाने का फैसला किया है। इस बैठक में नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी यादव भी शामिल थे।
जेडीयू के एक पदाधिकारी ने कहा कि तेजस्वी को जल्द ही आधिकारिक तौर पर डिप्टी सीएम के रूप में अधिसूचित किया जाएगा। कैबिनेट विस्तार के सवाल पर उन्होंने कहा, “अन्य मंत्रियों को अगले कुछ दिनों में शपथ दिलाई जाएगी। गठबंधन के तीन मुख्य घटक (जेडीयू, राजद और कांग्रेस) जल्द ही विभागों और मंत्रियों की संख्या पर निर्णय लेंगे।”
नीतीश ने बीजेपी की इस भविष्यवाणी को खारिज कर दिया कि नई सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी। सीएम ने कहा कि उनके भगवा सहयोगी को इस बारे में अधिक चिंतित होना चाहिए कि क्या पार्टी 2015 के विधानसभा चुनाव की स्थिति में भी वापस आ पाएगी या नहीं। आपको बता दें कि उस विधानसभा चुनाव में जेडीयू, राजद और कांग्रेस साथ-साथ चुनाव लड़ी थी। भाजपा को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। 157 में से केवल 53 सीटें जीती थी।बुधवार के शपथ ग्रहण से पहले नीतीश ने बीमार राजद प्रमुख लालू प्रसाद से बात की, जो कि वर्तमान में बेटी और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती के दिल्ली आवास में रह रहे हैं। समझा जाता है कि लालू के स्वास्थ्य के बारे में पूछने के अलावा नीतीश कुमार ने उनके साथ पोर्टफोलियो वितरण पर चर्चा की। जेडीयू के सूत्रों ने कहा कि नीतीश कुमार गृह विभाग और सामान्य प्रशासन को अपने साथ बरकरार रखेंगे। उन्होंने कहा कि राजद को अधिकांश वही विभाग मिल सकते हैं जो पूर्ववर्ती सरकार में भाजपा के पास थे।भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी ने राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह से अनुपस्थिति पर कहा कि हमें कोई निमंत्रण नहीं मिला। पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा, “अगर हमें बुलाया भी जाता तो हम बिहार के लोगों को धोखा देने के बाद स्थापित सरकार के गठन के साक्षी नहीं होते।”