हेमंत कुमार साहू की रिपोर्ट
रायपुर-कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने शासकीय व्यय में गत वर्ष की तरह ही वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी मितव्ययता बरतने का निर्णय लिया है परंतु इस दौरान न तो लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरे जाने वाले सीधी भर्ती के पद एवं अनुकम्पा नियुक्ति के पदों के साथ जो भर्ती प्रक्रिया जारी है उस पर कोई रोक नही होगी। इसी तरह पदोन्नति-क्रमोन्नति के फलस्वरूप मिलने वाले एरियर्श और वेतनवृद्धि पर कोई रोक नही लगायी गई है। इस संबंध में राज्य सरकार के वित्त विभाग द्वारा बीते 26 अप्रैल को सभी विभागों को आदेश जारी किया गया है।वित्त विभाग द्वारा मितव्ययिता के संबंध में आदेश जारी करते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि गत वर्ष जारी मूल मितव्ययिता निर्देश 12/2020 की कंडिका-2.1 में लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरे जाने वाले सीधी भर्ती के पद एवं अनुकम्पा नियुक्ति के पदों को छोड़कर शेष सभी सीधी भर्ती के पदों को भरने के पूर्व वित्त विभाग से अनुमति प्राप्त करने के निर्देश जारी किये गये थे। इसे बाद में वित्त निर्देश 13/2020 द्वारा शिथिल करते हुए यह स्पष्ट किया गया था कि ऐसे प्रकरणों में जहां भर्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, भर्ती प्रकिया जारी रखी जा सकती है किन्तु नियुक्त आदेश जारी करने के पूर्व वित्त विभाग की सहमति प्राप्त की जाए। उक्त निर्देश का संदर्भ इस वर्ष जारी मितव्ययिता निर्देश में भी दिया गया है अतः यह शिथिलीकरण निर्देश इस वर्ष भी प्रभावशील रहेगा।इसी तरह गत वर्ष जारी मूल मितव्ययिता निर्देश 12/2020 की कंडिका 2.2 में पदोन्नति-क्रमोन्नति के फलस्वरूप एरियर्श की राशि वित्त विभाग के आगामी आदेश तक विलम्बित रखे जाने के निर्देश थे। इसे बाद में वित्त निर्देश 18/2020 के द्वारा आंशिक रूप से शिथिल करते हुए पदोन्नति एवं क्रमोन्नति के फलस्वरूप देय एरियर्श की राशि एकमुश्त नगद रूप से सेवानिवृत्ति/मृत्यु के प्रकरणों में शासकीय सेवक अथवा उनके परिवार, जैसी स्थिति हो को दिए जाने के निर्देश दिए थे। इस निर्देश का संदर्भ इस वर्ष जारी मितव्ययिता आदेश दिनांक 26.04.2021 में भी दिया गया है। अतः स्पष्ट है कि यह आदेश इस वर्ष प्रभावशील है।