मुंबई प्रतिनिधि
मुंबई: डॉ.बाबासाहेब अंबेडकर के पोते आनंदराज अंबेडकर की राजननितिक पार्टी रिपब्लिकन सेना को छोड सैकड़ों कार्यकर्ता डेमोक्रॅटिक रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया में शामिल हो गए हैं। इस से रिपब्लिकन सेना को सुरुंग लग चुका है।
अंबेडकर आंदोलन के सैकड़ों राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने हाल ही में रिपब्लिकन सेना को छोड़ दिया और वंचित अंबेडकर आंदोलन को राजनीतिक दिशा देने के लिए रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक में शामिल हो गए।
राजनीतिक हलकों में चर्चा चल रही है कि आंबेडकर विचारो को सत्ता में लाने और अंबेडकर आंदोलन को अधिक व्यापक और स्वाभिमानी बनाने के लिए कई लोग रिपाई डेमोक्रेटिक पार्टी में कूद गए हैं। इस्का महत्वपूर्ण श्रेय समाजभूषण वसंत कांबळे को जाता है।
डेमोक्रॅटिक आरपीआय के युवाध्यक्ष कनिष्क कांबले को युवा विद्वान और राजनीतिक रूप से महत्वाकांक्षी और उच्च शिक्षित पार्टी के नेता के रूप में देखा जाता है। इसी कारणवश सैकडो कार्यकर्ता डेमोक्रॅटिक आरपीआय मी सामील हो गये ऐसे डॉ. राजन माकणीकर ने बताया।
समाजभूषण वसंत कांबले के प्रवेश ने डेमोक्रेटिक रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) को नवसंजीवनी प्राप्त हुयी है और रिपब्लिकन सेना में एक बड़ी दरार पैदा कर दी। इसके बाद, कार्यकर्ताओं का एक और बड़ा कैडर जल्द ही डेमोक्रेटिक आरपीआई में शामिल हो जाएगा, और राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि डेमोक्रेटिक ग्रुप का आरपीआई में किसी अन्य समूह की तुलना में बेहतर भविष्य है।
केंद्रीय महासचिव डॉ. राजन माकणीकर ने आगामी नगर निगम को ध्यान में रखते हुए इच्छुक कार्यकर्ताओं से पार्टी कार्यालय मे संपर्क करणे की अपील की है।