मुंबई संवाददाता
मुंबई: (संवाददाता)। मराठा आरक्षण मराठा समुदाय का एक संवैधानिक अधिकार है और आरपीआई डेमोक्रेटिक पार्टी पूरी ताकत के साथ मराठा समुदाय के पीछे मजबूती से खड़ी रहेगी, यह बात पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. राजन माकनिकर ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कही।
भारत के संविधान के निर्माता डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर द्वारा मराठा समुदाय को संविधानिक आरक्षण दिया गया था, लेकिन तत्कालीन गडगंज मराठों ने आरक्षण से इनकार कर दिया था; मराठा आरक्षण मराठों का संवैधानिक अधिकार है और उन्हें ओबीसी में शामिल करके आरक्षण मिलना चाहिए।
आगे कहा कि महाराष्ट्र राज्य-गठित न्यायमूर्ति गायकवाड़ आयोग ने मराठा जाति के सामाजिक-शैक्षणिक और आर्थिक पिछड़ेपन की जांच की और जाती का पिछडापण प्रमाणित किया. भारत के संविधान के अनुच्छेद 340 के अनुसार आरक्षण जरुरी है।
राज्य सरकार ने ओबीसी आरक्षण को एबीसीडी के रूप में विभाजित किया है और इस तरह ओबीसी के तहत एक अलग योजना बनाकर कुछ आंशिक आरक्षण दिया जा सकता है।
जैसा कि जस्टिस गायकवाड़ आयोग ने ओबीसी आरक्षण पर मराठा समुदाय को एक सकारात्मक रिपोर्ट दी है, ओबीसी आरक्षण प्राप्त करना आवश्यक है और इसे प्रदान किया जाना चाहीये।
राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष कनिष्क कांबले के नेतृत्व वाली आरपीआई डेमोक्रेटिक पार्टी, लोकसभा और विधान सभा में सत्तारूढ़ पार्टी की एक घटक पार्टी है। हमारे द्वारा काँग्रेस राष्ट्रवादी पार्टी के मुखीयावोसे सकारात्मक बातचीत हो रही है और सत्ताधारी पक्ष से हमे आरक्षण के बारे मे ग्रीन सिंगनल दिया है इसलीये सरकार के खिलाफ ना जाये।
डॉ. माकणीकर ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर मराठा ओबीसी और धनगर आरक्षण के लिए पार्टी की ओर से कोई समर्थन नहीं मिलता है, तो राज्यव्यापी आंदोलन होगा।
पैंथर डॉ. माकणीकर, राज्य महासचिव श्रवण गायकवाड़, बंजारा सेल के राज्य प्रमुख शिवभाई राठौड़, रोहित डावरे, राजेश पिल्लई, मनीष यादव, स्वप्निल गायकवाड़, उमेश जगताप, विजय चव्हाण और गौतम कांबले द्वारा इस प्रकरण के लिये प्रयत्न किया जा रहा है।