27 को होगी अंतिम सुनवाई सरकार बोली मांगों के निराकरण के लिए मंत्रियों के समूह का किया है गठन
आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार को जबलपुर हाईकोर्ट ने शराब के ठेकेदारों की मांगों पर विचार करने का आदेश दिया दरअसल जबलपुर भोपाल इंदौर के 30 शराब ठेकेदारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बीते दिनों मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ नोटिस जारी किया था जबकि हाईकोर्ट के नोटिस के बाद मंगलवार को राज्य सरकार ने पूरे मामले पर अपना जवाब पेश किया राज सरकार की ओर से कहा गया कि उसने पूरे विवाद के निपटारे के लिए मंत्रियों का एक समूह गठित कर दिया है जो शराब ठेकेदारों की मांगों पर विचार कर रहा है मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने एक अहम निर्देश दिया है कि सरकार या उसके मंत्रियों का समूह शराब कारोबारियों की मांगों पर विचार करते हुए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की गाइडलाइन का ख्याल जरूर रखें यह गाइडलाइन का हवाला देते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि अगर शराब ठेकों की शर्तें लागू नहीं हो पा रही हो तो नए सिरे से ठेके जारी करने पर विचार किया जाना चाहिए इस अहम निर्देश के साथ हाई कोर्ट ने मामले पर अंतिम सुनवाई के लिए 27 मई की तारीख तय कर दी है
वही ठेकेदारों की आपत्ति है मैं शराब ठेकेदारों ने अपनी याचिका में कोरोनावायरस दौरान हुए घाटे का हवाला दिया है उन्होंने कहा जब थे के लिए थे तब निविदा की शर्तें कुछ और थी लेकिन 23 मार्च के बाद से परिस्थितियां बदल गई हैं अब जब सरकार ने शराब दुकानों के खुलने का समय घटा दिया है तो शराब ठेकेदारों से वसूली गई भिंड की रकम भी घटाई जानी चाहिए नहीं तो सरकार ठेकेदारों की जमात लौटा कर मध्य प्रदेश में शराब के ठेके नए सिरे से आवंटित करें शराब ठेकेदारों का कहना है कि लाक डाउन से नुकसान हुआ है नए सिरे से तय हो सर्ते। इधर शराब एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मिला इस दौरान प्रतिनिधिमंडल के जगदीश अरोरा मनजीत सिंह भाटिया महेंद्र नामदेव ने कहा कि लाख डाउन के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा है दुकान लेते समय स्थित अलग थी लेकिन अब स्थितियां पूरी तरह बदल चुकी हैं इसे गृहमंत्री के समक्ष रखा है गृहमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि मांगों को कैबिनेट में रखा जाएगा और इसका निराकरण किया जाएगा।