मां सरस्वती जी की है कृपा – रितिक शुक्ला (गायक कलाकार)
अनूप दुबे की रिपोर्ट
छतरपुर-बिजावर जिला छतरपुर अन्तर्गत बिजावर तहसील के एक छोटे से ग्राम पाटन में सन् 2002 में जन्मे बाल कलाकार ”पं. रितिक शुक्ला” जिन्होंने कला के बल पर अपनी एक अलग पहचान बिखेरी |
पेसे से इनके पिता पं. हरिनारायण शुक्ला जी ग्राम पंचायत सचिव के पद पर पदस्थ है पर पिता जी को सरकारी पद पर पदस्थ होने के बावजूद घर में धार्मिक माहौल होने की बजह से इनका अत्याधिक लगाव संगीत के प्रति रहा और कहते हैं न, कि लगन और मेहनत से किये हुए कार्य में सफलता एक दिन जरूर मिलती है
महनत और लगन के फलस्वरूप सन् 2011में बिधालय के सांस्कृतिक कार्यक्रम में गायन में प्रथम स्थान प्राप्त किया जिसमें इनको 50 रूपये पुरूस्कार रुप में प्रदान किये गए एवं सभी शिक्षकों एवं जनता द्वारा इनका उत्साहबर्धन किया गया और फिर इन्होंने अपना रुख ढोलक बादन की ओर मोड़ लिया और ढोलक बादन के लिए पहला मंच सन् 2013 में मिला जहाँ उन्होंने छोटी उम्र में बड़ा कमाल कर लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया और फिर मुड़के नहीं देखा शिक्षा के साथ-साथ अपनी कला में भी कभी कोई कमी नहीं आने दी और अब स्वयं की पार्टी का संचालन करते हुए भजन, लोकगीत, एवं सुंदरकाण्ड का गायन कर लोगों के दिल में अपनी जगह बना चुके हैं और महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सब उन्होंने बिना गुरु के सीखा अगर इस दौर का एकलव्य इनको कहा जाए तो शायद गलत नही होगा वहीं शिक्षा की बात करें तो अभी, महाराजा छत्रसाल महाविद्यालय से संगीत बी.ए.प्रथम बर्ष में अध्ययनरत है
नमन है भारत को एवं भारत के नागरिकों की प्रतिभा को,,,