शेखर की रिपोर्ट
रिश्तो से सबसे अच्छा रिश्ता कौन सा किसी से भी वह कहेगा दोस्ती का ही क्यों क्योंकि दोस्त में किसी तरह की स्पर्धा नहीं होती किसी तरह का मन मनोबल नहीं होता मिल गया तो बैठ लिए बैठ गए तो बात हो गई नहीं मिले तो कोई बात नहीं कोई बात नहीं अब भी कोई शिकायत नहीं लेकिन बाकी के तमाम रिश्तो में कई मापदंड होते हैं कुछ करने की जबरदस्ती होती है मतलब हर दिन फोन किया जाए या हर हफ्ते बात ही किया त्योहार शुभकामनाएं दी जाए गर्मी में रोया जाए खुशी में जताया जाए दोस्तों से ऐसा कोई बंधन होता ही नहीं वैसे ही बोकारो के सेक्टर 1B हाई स्कूल के दोस्त का हाल है दूर रहते हैं मगर दोस्तों के दिल में करीब रहते हैं ढेरों घंटा व्हाट्सएप चैट करते हैं और फोन पर बात कर अपने दिलों का हाल-चाल जानते है बोकारो के sector-1 B हाई स्कूल 1997 के बैच के दोस्त आज भी याद आते हैं। मिल जाते हैं तो एक साथ बैठते हैं। और हंसी मजाक करते हैं थोड़ा दुख सुख साथ बाटते हैं। स्कूलों की कुछ यादें खट्टी मीठी बातें वह बचपन का लड़ना वह आज भी मुझे आज भी याद है। ऐसे ही कुछ दोस्त रख दिलो में रहकर अपने दोस्तों के साथ मिलना जुलना हमेशा लगा रहता है। वही चास के रवि कुमार सिन्हा जी जो ims के डायरेक्टर है और खुदभी बच्चो को शिक्षा देते हैं। उन्होंने कहा कि पुराने दोस्त की यादें कभी नहीं जाती है। वही रंजीत पेसे से रेलवे में काम करते है इस काम के दौरान जब भी उन्हें समय मिलता है तो दोस्तों को कभी नहीं भूलते हैं चाहे वह पास हो या दूर हो हमेशा वह अपने दोस्तों के दिलों में रहते हैं। चास के ब्रिज कुमार कहते हैं कि अगर दोस्त नहीं रहता तो यह जिंदगी भी अधूरी रहती आज बोकारो के sector-1B हाई स्कूल के अपने दोस्तों के साथ जब वह मिलते हैं तो उन्हें सिर्फ एक चीज का याद आता है बोकारो के sector-1 राम मंदिर के गरम गरम जलेबी और समोसे आज भी वह खाने से भूलते नहीं हैं। 1996 1997 की बेच के दोस्त जब भी बोकारो आते हैं तो एक बार अपने स्कूल की ओर जाते हैं और कहते हैं कि मुझे अपने बचपन की याद आ गई।