बिहार, पटना: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार की लड़ाई अब पूरी तरह जग उजागर हो चुकी है। लालू-राबड़ी के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने पार्टी में अपने प्रतिष्ठा और सम्मान को लेकर जो लड़ाई शुरू की थी,वो अब किसी से छुप नहीं रही है लेकिन अब परिवार में भी उनकी उपेक्षा साफ दिखने लगी है।हालत यह है कि उन्हें उनकी मां राबड़ी देवी के घर के अंदर नहीं जाने दिया गया। तेज प्रताप ने खुद ही स्वीकार किया कि जगदानंद सिंह और सुनील सिंह के लोगों ने उन्हें राबड़ी आवास के बाहर धक्का दिया। उन्होंने कहा कि जगदानंद पर कार्रवाई होने तक वे राजद से कोई मतलब नहीं रखेंगे। लेकिन, अब उनकी बहन रोहिणी आचार्य खुलकर जगदानंद के समर्थन में खड़ी हो गई हैं।
परिवार में चल रहे अभूतपूर्व बवाल के बीच रोहिणी ने रविवार की रात ही जगदानंद और लालू यादव की एक तस्वीर शेयर की, जिसमें दोनों नेता एक साथ दिख रहे हैं। इस फोटो के कैप्शन में लालू की बेटी ने दोनों नेताओं को एक-दूसरे के सुख-दुख का साथी बताया। अब तक तेजस्वी यादव ही जगदानंद के पक्ष में खुलकर बयान देते रहे हैं। वैसे तो लालू की जगदानंद से नजदीकी जगजाहिर है। राबड़ी देवी इस मामले में सुलह की कोशिश करती रही हैं और इसी मकसद से पिछले दिनों अकेले दिल्ली से पटना भी आई थीं। राबड़ी पटना आते ही तेज प्रताप के घर गई थीं, लेकिन बड़े बेटे ने तब मिलने की बजाय दो दिन बाद अपनी मां से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की थी। मामला नहीं सुलझने के बाद लालू खुद भी पटना पहुंच गए हैं।
लालू परिवार के कम से कम पांच सदस्य फिलहाल सक्रिय रूप से बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं। इनमें रोहिणी आचार्य शामिल नहीं हैं। वह सिंगापुर में अपने पति के साथ रहती हैं, लेकिन पिछले करीब एक साल से बिहार की राजनीति में खूब दिलचस्पी दिखा रही हैं। वे हर रोज बिहार के राजनीतिक हालात से जुड़े दर्जनों ट्वीट कर डालती हैं। उनके बराबर राजनीतिक बयान लालू परिवार का कोई दूसरा सदस्य जारी नहीं करता है। ऐसी चर्चाएं हैं कि रोहिणी जल्द ही बिहार की राजनीति में खुद के लिए भी स्थान चाह रही हैं। फिलहाल लालू यादव के अलावा, राबड़ी देवी, मीसा भारती, तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव राजनीति में सक्रिय बने हुए हैं।