बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने ‘काली’ विवाद और नूपुर शर्मा पर मचे बवाल को लेकर बात करते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन में विश्वास करता है तो वो नूपुर शर्मा और महुआ मोइत्रा के विचारों का सम्मान करेगा. वहीं, अगर कोई फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन में विश्वास नहीं करता तो दिए गए दोनों बयान आपको गलत लगेंगे.
बता दें, काली पोस्टर पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा था कि काली मां को मांस बहुत पसंद है और वह शराब को स्वीकार करती हैं. वहीं, नूपुर शर्मा ने पैगम्बर मोहम्मद पर टिप्पणी की थी जिसके बाद देश भर में हंगामा हुआ. तसलीमा नसरीन ने आगे कहा कि, “फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन कोई हिंसक नहीं है. किसी का सिर कलम कर इनाम की घोषणा करना इसे आप फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन नहीं कह सकते हैं. किसी के विचारों की इज्जत करना और किसी के विचार व्यक्त करने के अधिकार का समर्थन करना पूरी तरह से अलग है.” तसलीम आगे बोलीं, “हो सकता है कि मैं लोगों के विचारों से सहमत न होऊं लेकिन मैं हमेशा उनके विचारों को व्यक्त करने के अधिकार का समर्थन करूंगी. फिर चाहें वो मेरे किसी दुश्मन के क्यों ना हों,
बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने ‘काली’ विवाद और नूपुर शर्मा पर बात करते हुए कहा फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन का समर्थन करना चाइए
बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने ‘काली’ विवाद और नूपुर शर्मा पर मचे बवाल को लेकर बात करते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन में विश्वास करता है तो वो नूपुर शर्मा और महुआ मोइत्रा के विचारों का सम्मान करेगा. वहीं, अगर कोई फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन में विश्वास नहीं करता तो दिए गए दोनों बयान आपको गलत लगेंगे.
बता दें, काली पोस्टर पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा था कि काली मां को मांस बहुत पसंद है और वह शराब को स्वीकार करती हैं. वहीं, नूपुर शर्मा ने पैगम्बर मोहम्मद पर टिप्पणी की थी जिसके बाद देश भर में हंगामा हुआ. तसलीमा नसरीन ने आगे कहा कि, “फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन कोई हिंसक नहीं है. किसी का सिर कलम कर इनाम की घोषणा करना इसे आप फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन नहीं कह सकते हैं. किसी के विचारों की इज्जत करना और किसी के विचार व्यक्त करने के अधिकार का समर्थन करना पूरी तरह से अलग है.” तसलीम आगे बोलीं, “हो सकता है कि मैं लोगों के विचारों से सहमत न होऊं लेकिन मैं हमेशा उनके विचारों को व्यक्त करने के अधिकार का समर्थन करूंगी. फिर चाहें वो मेरे किसी दुश्मन के क्यों ना हों.”
महुआ मोइत्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज
दरअसल, महुआ मोइत्रा के खिलाफ देवी काली पर उनकी टिप्पणी के लिए कई शिकायतें दर्ज हुई जबकि बीजेपी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. डॉक्यूमेंट्री काली के पोस्टर पर विवाद शुरू हुआ जिसमें देवी काली के रूप में एक महिला को दिखाया गया जो धूम्रपान करते दिखी. वहीं, तृणमूल कांग्रेस का महुआ मोइत्रा की टिप्पणी से खुद को दूर कर लेना मामला पूरा राजनीतिक लड़ाई में बदल गया. बता दें, बुधवार को मोइत्रा ने ट्विटर पर पार्टी को अनफॉलो कर दिया था.
मेरे लिए काली का मतलब मांस प्रेमी और शराब स्वीकार करने वाली देवी है- महुआ मोइत्रा
बताते चलें, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2022 में शिरकत के दौरान डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ के पोस्टर पर बात करते हुए कहा कि, “काली के कई रूप हैं. मेरे लिए काली का मतलब मांस प्रेमी और शराब स्वीकार करने वाली देवी है. लोगों की अलग-अलग राय होती है, मुझे इसे लेकर कोई परेशानी नहीं है”