संवाददाता- विवेक चौबे
गढ़वा : पिछले कई वर्षों से यहाँ के किसान नीलगायों के आतंक से त्रस्त हैं। खून पसीना एक कर खेती करते हैं, किन्तु नीलगायों से फसलें नहीं बच पाती हैं। वन विभाग की लापरवाही का आलम यह कि जंगल को कंटीले घेराव से नहीं घेरने के कारण जंगली जानवर बाहर आकर आजादी का आनन्द ले रहे हैं। बड़ी संख्या में एक साथ नीलगायों का झुंड पहुंचकर किसानों के फसलों को बर्बाद कर देते हैं। बता दें कि गुरुवार को जिले के कांडी प्रखण्ड के दर्जनों किसानों ने नीलगायों द्वारा फसल बर्बाद की रोकथाम हेतु अंचलाधिकारी को आग्रह पत्र सौंपा। इस दौरान किसानों ने अंचलाधिकारी को समस्या से अवगत कराया। किसानों ने कहा कि मेहनत पर पानी फिर जा रहा है। फल, फूल, साग-सब्जी सहित अन्य सभी फसलों को नीलगायों द्वारा चट कर दिया जाता है। किसानों ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि फसलों को बचाने के लिए रात-दिन खेतों पर ही रखवाली करना पड़ता है। ठंढ के दिनों में ठिठुर कर पूरी रात गुजारना पड़ता है। वहीं दृष्टि यूथ ऑर्गेनाइजेशन की टीम व भाजपा किसान मोर्चा के संयोजक रामलाला दुबे ने कहा कि नीलगाय की समस्या से निजात दिलाने के लिए किसानों की मदद हेतु लगातार कदम बढ़ता ही रहेगा। इस सम्बंध में उपायुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी, वन प्रमंडल पदाधिकारी सहित राज्य के मुख्यमंत्री व राज्यपाल को भी आग्रह पत्र सौंपा जाएगा। उनसे किसानों की समस्या के समाधान हेतु गुहार लगाई जाएगी। यदि एक महीना के भीतर सरकार कोई हल नहीं निकालती है तो विशाल आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
आग्रह पत्र सौपने में- दृष्टि यूथ आर्गेनाइजेशन के प्रधान सचिव- शशांक शेखर, टीम के सदस्य- साजिद अंसारी, रौशन कुमार, अरुण सिंह, गुड्डू सिंह, नीरज सिंह व अवधेश पाल, राजू मेहता, शम्भू मेहता सहित कई किसानों का नाम शामिल है।