संगीता की रिपोर्ट
जहां एक तरफ अभी कोरोना थमा भी नहीं है की मौसम की शुरुआत होने वाली है वैसे मैं मौसमी बीमारी फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है कोरोना संक्रमण की भर्ती मरीज के बीच मानसून बारिश में डेंगू, मलेरिया, बुखार एवं चिकनगुनिया जैसी बीमारी से एक साथ लड़ना स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। हालांकि स्वास्थ्य का दावा है कि उसने कोरोना के साथ-साथ डेंगू मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी बीमारी से निपटने की तैयारी कर ली है इन बीमारी पर समय रहते नियंत्रण पा लिया जाएगा जैसा की अभी मानसून बारिश शुरू होने में 5 से 10 दिन बाकी है स्वास्थ्य विभाग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है अब एक बार फिर इन बीमारी के पैर पसारने का खतरा है जब बोकारो में कोरोना नहीं था उस समय स्वास्थ्य विभाग डेंगू की रोकथाम में नाकाम रहा अब एक तरफ कोरोनावायरस तो ऐसे में स्वास्थ्य विभाग डेंगू मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी बीमारी में एक साथ कैसे निपटेगा स्वास्थ विभाग के आंकड़ों में डेंगू से मौत का आंकड़ा शून्य दर्ज है क्योंकि पिछले साल स्वास्थ्य विभाग डेंगू पर काबू पाने की बजाय उस से हुई मौतों को नकारने में जुटा था।
विभाग के आंकड़े के मुताबिक
पिछले साल डेंगू मलेरिया बुखार के 63 केस मिले थे मगर इससेे एक भी मौतें नहीं हुई थी डेंगू चिकनगुनिया और मलेरिया का सबसे अधिक असर कसमार पेटरवार गोमिया नावाडीह प्रखंड के दर्जनों गांव में होता है उसके बाद भी स्वास्थ विभाग मानसून से होने वाली बीमारी से निपटने की तैयारी को लेकर संतुष्ट है वही आइएमए चास के अध्यक्ष सह फिजीशियन डॉ रणधीर कुमार सिंह ने कहा डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया में लापरवाही जान जोखिम में डालने जैसा है डेंगू में बुखार के साथ-साथ हाथ,पैर,सिर व आंखों के पीछे दर्द होता है
इसके साथ ही मरीज को भूख कम लगती है ठंड के साथ-साथ तेज बुखार आता है चिकनगुनिया के प्लेटलेटस काउंट कम नहीं होते हैं तेज बुखार के साथ जोड़ो में दर्द सामान्य लक्षण है जबकि मलेरिया में मरीज का शरीर कांपता है बेचैनी होने लगती है