शेखर की रिपोर्ट
मंगलवार को चांद के दीदार हो गए मोहर्रम दस अगस्त को होगा। इसी दिन से मुहर्रम शुरू हो जाएंगे। 30 का चांद मानकर मुहर्रम 11 अगस्त बुधवार से शुरू होंगे। एक मुहर्रम से ही इस्लामी नए साल का आगाज होगा।
मोहर्रम की तैयारियों को लेकर इमामबाड़े में रंग रोगन का काम शुरू हो गया है।
आपको बताते हैं कि यह इमाम हुसैन की शहादत का महीना है। आपको बताते जाएगी इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक आज से नया साल शुरू होने जा रहा है. मोहर्रम का इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना माना जाता है. ये साल 365 दिन के बजाय 355 दिन का ही होता है इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक आज से नया साल शुरू होने जा रहा है. मोहर्रम का इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना माना जाता है. ये साल 365 दिन के बजाय 355 दिन का ही होता है. आज से इस्लामिक न्यू ईयर शुरू होने जा रहा है. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबि मोहर्रम के पहले दिन से नए इस्लामिक साल की शुरुआत होती है. मोहर्रम साल का पहला महीना होता है, जो कि आज से शुरू हो रहा है. आज शाम से एक मोहर्रम 1443 हिजरी की शुरुआत हो जाएगी. हालांकि चांद नहीं दिखा तो ये कल शाम यानी परसों पहला मोहर्रम होगा. लेकिन इसके आज से ही शुरू होने की संभावना ज्यादा है. आज से मोहर्रम शुरू होने के संभावना इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि इससे पिछले दो महीने शव्वाल और ज़िलकाद पूरे 30 दिन के थे. ऐसे में ये महीने 29 दिन का हो सकता है.
मुस्लिम मान्यताओं के हिसाब से मोहर्रम ग़म का महीना है. इस महीने में पैगंबर हज़रत मोहम्मद के नवासे हज़रत इमाम हुसैन अपने 72 साथियों के साथ शहीद कर दिए गए थे. इसलिए इस महीने में ग़म मनाया जाता है. मोहर्रम का चांद जैसे ही नजर आता है, अजादार अपने इमाम के ग़म में गमजदा हो जाते हैं. इस्लाम धर्म की मान्यता है कि इस दिन कर्बला के मैदान में हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 जानिसारों के साथ शहादत को याद किया जाता है. इस दिन ताजिया निकाला जाता है. ये ताजिया पैगंबर मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन और हजरत इमाम हसन के मकबरों का प्रतिरूप होते है।