शान्तनु कुमार सिंह की रिपोर्ट
पटना आईएसएम पटना (11 अक्टूबर): आईएसएम ने 11 अक्टूबर को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों मोड में एचआर कॉन्क्लेव 2021 का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के द्वारा देश भर के कई प्रमुख बिजनेस स्कूलों तथा कॉर्पोरेट क्षेत्रों के प्रख्यात शिक्षाविदों, प्रतिनिधियों, शोध कर्ताओं और मानव संसाधन पेशेवरों को एक मंच पर लाने का एक सफल प्रयास किया गया, जहां उन्होंने कोविड महामारी के बाद अनेक व्यवसायों तथा सरकारी एवं गैर-सरकारी संगठनों में मानव संसाधन प्रबंधन (एचआरएम) की उभरती भूमिका से संबंधित अपने अनुभव और ज्ञान को साझा किया। इस कॉन्क्लेव के ऑफलाइन मोड में 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया और मानव संसाधन से जुड़े पैनलिस्टों के साथ बातचीत किया और एचआरएम के क्षेत्र में अपने अनुभवों और सर्वोत्तम समकालीन कार्यप्रणाली के बारे में अपने विचारों का आदान-प्रदान किया। पूरे कार्यक्रम को प्रमुख चार सत्रों में आयोजित किया गया जिसमें विशेषज्ञों का कॉन्क्लेव के मुख्य विषय पर संबोधन, छात्रों की प्रस्तुतियाँ, पैनल परिचर्चा और पुरस्कार वितरण शामिल थे। कार्यक्रम की शुरुआत सत्र के मॉडरेटर, सहायक प्रोफेसर, डॉ श्वेता द्वारा व्यक्त स्वागत भाषण के साथ की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि, जियो के सीईओ, श्री प्रवीर कुमार, ने किया। मुख्य वक्ता, द न्यू इंडियन, डिजिटल नेशनल न्यूज पोर्टल, दिल्ली के एचआर हेड, श्री बिश्व रंजन चटर्जी, ने पोस्ट कोविड परिदृश्य और भविष्य के रोडमैप के लिए रणनीतियों में एचआर के सामने चुनौतियों पर अपने विचारों को प्रस्तुत किया। बोल्टन विश्वविद्यालय (यूके) के स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन, डॉ. इंद्रनील बोस ने अपने मुख्य भाषण में प्रतिभागियों को न्यू नॉर्मल वर्क कल्चर के मुख्य चुनौतियों में सबसे महत्वपूर्ण हाइब्रिड वर्कफोर्स के प्रबंधन के बारे में बताया। तीसरे मुख्य वक्ता डॉ. (प्रो.) पवन कुमार सिंह, तिरुचिरापल्ली में भारतीय प्रबंधन संस्थान के निदेशक, ने मानव संसाधन विश्लेषण की भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। नेचुरल गैस सोसाइटी के कार्यकारी निदेशक और आईएसटीडी दिल्ली चैप्टर के उपाध्यक्ष, डी वी शास्त्री ने अपने मुख्य भाषण में पोस्ट कोविड वर्ल्ड में टी एंड डी प्रैक्टिस को पुनर्जागृत करने बात की। जबकि चौथी मुख्य वक्ता सोनाटा, टाइटन ग्रुप के बिहार-झारखंड के जोनल एचआर हेड, सुश्री सत्या श्रीवास्तव, ने कौशल आधारित हायरिंग के प्रभाव पर चर्चा की। मुख्य भाषण के बाद कॉन्क्लेव के दूसरे सत्र में छात्रों की प्रस्तुतियां आयोजित की गईं। तीसरे सत्र के रूप में पैनल परिचर्चा के दौरान भर्ती निगोशिएसन, कार्य स्थलों के वातावरण, कार्य विकर्षण, प्रेरण कार्यक्रमों की प्रभावकारिता में सुधार और समग्र उत्पादकता के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। परिचर्चा के बाद प्रस्नोत्तरी सत्र शुरू हुआ जहां मानव संसाधन नए नियमों और विनियमों, मुआवजे, कर्मचारियों की मनोवैज्ञानिक स्थिति आदि के बारे में चर्चा हुई।
अंतत: इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा छात्रों में सर्वश्रेष्ठ तीन प्रस्तुतकर्ताओं को सम्मानित किया गया। कॉन्क्लेव के संयोजक और आईएसएम के मानव संसाधन विभाग के डोमेन लीडर, सहायक प्रोफेसर, श्रीमती पूजा दुबे द्वारा प्रस्तावित बहुत ही संवेदात्मक एवं भावनात्मक धन्यवाद ज्ञापन के साथ यह कार्यक्रम समाप्त हुआ।