शेखर की रिपोर्ट
बोकारो: जिले में डेंगू से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार और अलर्ट है। इसको लेकर आवश्यक तैयारी पूरी की गई है। वैसे अबतक जिले में डेंगू के एक भी मरीज की पुष्टि नहीं हुई है। पिछले सप्ताह तीन डेंगू के संदिग्ध मरीजों का सैंपल रांची रिम्स जांच के लिए भेजा गया था। तीनों मरीजों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई, बावजूद विभाग सतर्क है। ऐसे में जहां पर भी डेंगू के संदिग्ध मरीज मिल रहे हैं, वहां पर लार्विसाइडल का छिड़काव व फागिग कराई जा रही है। मंगलवार को राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत डेंगू नियंत्रण को लेकर सिविल सर्जन के निर्देशानुसार दुंदीबाद बाजार एवं सेक्टर-12 मोड़ में विशेष अभियान चलाया गया। इन जगहों पर बरसात के जमे पानी की साफ-सफाई करते हुए लार्विसाइडल का छिड़काव किया गया। अभियान का नेतृत्व स्वास्थ्य विभाग के आशीष और बालकृष्ण कुमार ने किया। प्रभारी जिला मलेरिया पदाधिकारी डा. बीपी गुप्ता ने बताया कि पिछले दो सालों से बोकारो जिले में एक भी डेंगू के मरीज की पुष्टि नहीं हुई है, बावजूद लोगों को चाहिए कि वह मच्छरों के बचने के लिए जरूरी उपाय करें। गांवों में जा रही स्वास्थ्य विभाग की टीम का भी सहयोग करें। साथ ही रुके हुए पानी के स्थानों को मिट्टी से भर दें। उसमें मिट्टी का तेल या डीजल आदि डाल दें, जिससे मच्छर नष्ट हो जाएं। इसके अलावा नारियल के खोल, प्लास्टिक कप, बोतल आदि में जल एकत्रित नहीं होने दें। जहां तक संभव हो पूरे आस्तीन के कपड़े पहने। तेज बुखार होने पर चिकित्सक से संपर्क करें और मलेरिया का शक होने पर नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर जांच कराएं। बुखार होने पर तरल पदार्थो का सेवन करें: प्रभारी जिला मलेरिया पदाधिकारी डा. बीपी गुप्ता ने बताया कि डेंगू और मलेरिया जैसी घातक बीमारियों में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। बुखार होने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं। सामान्य पानी की पट्टी सिर, हाथ-पांव एवं पेट पर रखें। बुखार के समय पानी एवं अन्य तरल पदार्थो जैसे नारियल पानी, शिकंजी, ताजे फलों का रस आदि का अधिक सेवन करें। मच्छरदानी के अंदर सोएं। पैरासीटामोल के अलावा अन्य कोई दवा नहीं लें। डेंगू के लक्षण: सिर दर्द, मांपेशियों, हड्डियों व जोड़ों में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी आना, आंखों के पीछे दर्द होना, ग्रंथियों में सूजन, त्वचा पर लाल चकते होना।