संगीता की रिपोर्ट नारी तू नारायणी तेरे रूप हजार
दुनिया की अपृतिम शक्ति मां
हर मां एक जैसी उसके प्यार का बसंत कभी नही जाता
मां से प्यार जताने के लिए और उनके एहसानों का बदला चुकाने के लिए कोई खास दिन नहीं हो सकता।हम हर दिन अपनी मां से प्यार करते हैं और किसी भी दिन उनके एहसानों से मुक्त नहीं हो सकते हैं। इसके बावजूद हम मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में मनाते हैं।
मां के समान कोई छाया नही कोई सहारा नही कोई रक्षक नही कोई और प्रिय नही
मनु स्मृति में लिखा है , दस उपाध्याय के बराबर एक आचार्य होता है सौ आचार्य बराबर एक पिता होता है एक हजार पिताओं से अधिक गौरव पूर्ण मां होती है
इटालियन लिखते हैं ,खाना तो कोई भी खिला सकता है लेकिन स्वाद सिर्फ मां के हाथों से आता है
तुर्की के साहित्यकार लिखते हैं ,जिसने मां के चरण चूम लिए उसने स्वर्ग का दरवाजा देख लिया
दुनिया की तमाम मां को प्रणाम