संगीता की रिपोर्ट।
आशा लता केंद्र सेक्टर साईड में दिव्यांग विधार्थि को प्लस टू की शिक्षा प्रदान की जा रही है। दिव्यांग विधार्थियों को उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान की जाएगी और कॉलेज के रूप में परिणत किया जाएगा इसके जरिए दिव्यांग विधार्थि अपने कैरियर को दिशा प्रदान कर सकेंगे। प्रबंधन के सहयोग से 1999 में केंद्र की स्थापना की गई है। इसके अलावा दिव्यांग विधार्थि को निशुल्क विद्युत की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है। यहां अध्ययनरत विद्यार्थियों को प्रश्न उत्तर की शिक्षा दी जाती है। केंद्र ने इन्हें प्लस टू की शिक्षा हासिल करने में हरसंभव सहयोग दिया जाता है। मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान में मैट्रिक व इंटर का फौरम भरने से लेकर परीक्षा में सम्मिलित कर आने तक प्रयोग किया जाता है। मैट्रिक व इंटर की परीक्षा में दृष्टितबाधित विद्यार्थियों के लिए रीडर तक की व्यवस्था की जाती है। इंटर की परीक्षा की व्यवस्था नहीं रहने के कारण दिव्यांग विधार्थि को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए आशा लता प्रबंधक की ओर से केंद्र को कॉलेज के रूप में परिवर्तन करने की दिशा में कार्रवाई की जा रही है। केंद्र को सामनता का स्तर तक की मान्यता दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त कमरे की भी व्यवस्था की जा रही है। जिसके कारण दिव्यांग विधार्थि उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।इसे सुनकर दिव्यांग विधार्थियों में खुशीयों की लहर उठ गई और कहा कि अब हम भी स्नातक स्तर की पढ़ाई कर सकेंगे।