शेखर की रिपोर्ट
सरसों तेल के दाम लगातार बढ़ने से आम आदमी के थाली से तेल का स्वाद चला गया है. इसके अलावा अन्य खाद्य सामग्री के दाम भी बढ़ गये हैं. इस तरह खाद्य पदार्थों के कीमत बढ़ने से आम आदमी का बजट पर इसका सीधा असर पड़ रहा है. जनवरी में सरसों तेल का 135 से140 रुपये किलो बिक रहा था. फरवरी में इसके दाम बढ़कर 145 रुपये किलो हो गया. एक ही महीने के अंदर सरसों तेल 10 रुपये महंगा हो गया.
रिफाइन और सरसों तेल के दाम 35 से 40 रुपये बढ़े
मई के पहले हफ्ते में सरसों तेल के दाम सीधे 175 से 180 रुपये हो गया है. तीन से चार माह में सरसों तेल करीब 40 से 45 रुपये महंगा हो गया. इसी प्रकार जनवरी में रिफाइन तेल 125 रुपये बिक रहा था. मई में लगभग इसकी कीमत 160 से 170 रुपये हो गयी है. रिफाइन तेल के दाम में करीब 40 से 45 रुपये की बढ़ोतरी हुई है.
खाद्य सामग्री के दामों में 10 से 15 फीसदी वृद्धि हुई है।
इसी प्रकार अरहर दाल के दाम भी आसमान छू रहे हैं. पिछले माह अरहर दाल 100 रुपये किलो बिक रहा था. मौजूदा समय में इसके दाम बढ़कर 110 से 120 रुपये हो गया है. वहीं चना, चना दाल, चीनी, सतु सहित अन्य खाने की सामग्री के दामों में 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई ,जिस कारण लोग इस कोरोना काल में सिर्फ जरुरी खाद्य सामग्रियों को ही खरीद रहें है। खाद्य सामग्रियों में बेतहाशा वृद्धि के कारण आम गरीबों के बजट गड़बड़ा गया है।