बोकारो से शेखर की रिपोर्ट
सुबह हो या शाम यहां लोगों का आना जाना लगा रहता है मुझे हर रोज आग देना पड़ता है कहां चास के श्मशान घाट के पुजारी ने पूरी दुनिया इस समय कोरोना के चपेट में है वही आज बोकारो के श्मशान घाट में सबों का आना जाना ज्यादा हो गया है पुजारी ने कहा ऐसा मंजर हमने कभी नहीं देखा यह क्या कुदरत का खेल है जहां अपने लोग को ही कंधा ना दे सके और ना मुखाग्नि पूरे भारत में पहले जैसा रूप धारण कर लिया है कोरोना काल में मृत्यु दर बढ़ने के कारण आज श्मशान घाट के पुजारी उदास देखें उन्होंने कहा कि कुछ तो ऐसे लोग थे जो मुखाग्नि और कंधा दोनो का नशीब उन्हें मिल रहता था और कुछ लोग दूर खड़े अपने परिजनों की बॉडी को जलते हुए देख रहे थे कोरोनावायरस से एक तरफ इंसान मर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ शवों का दाह संस्कार के लिए मुंह मांगा रकम मांग रहे हैं और मजबूरन लोगों को पैसा देना पड़ रहा है पहले जहां रजिस्ट्रेशन 300 से 500 में होता था अब वहां 650 सौ में होता है वही लकड़ी का दाम और कोरोना संक्रमण बॉडी को जलाने के लिए 10 से 15000 मांगने लगे एंबुलेंस के सायरन बजते ही लोगों को अब डर लगने लगा है लोगों ने कहा कि यह अजीब मंजर है पहले तो यहां 4 या 5 ही दाह संस्कार होती थी अब तो सब की लाइने लगी रहती है आज तक मैंने कभी ऐसा मंजर नहीं देखा।