रायपुर । भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस करके बड़ी माफियाओं के गिरोह का किया खुलासा ।
पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने खुलासा करते हुए कहा केंद्र या राज्य सरकार की योजना जिसमें बड़े बांध रेल कॉरिडोर नेशनल हाइवे से प्रभावित किसानो की ज़मीन जिसका मुआवज़ा ज़मीन और एरिआ के हिसाब से कई गुना और बाजार भाव से चार या पाँच नही अट्ठारह गुणा तक तय होता है जिसमें किसानो को उनकी ज़मीन का बाज़ार भाव से कई गुणा मुआवज़ा मिलता है । सरकार के प्रोजेक्ट से प्रभावित किसानो की अर्जित ज़मीन के चलते किसानो को मुआवज़ा देने बाबत सरकार द्वारा बाक़ायदा प्रकाशन भी करवाया जाता है कि अमुख अमुख गाँव और इतना रक़बा और इतने किसान प्रभावित हो रहे है । मुआवज़ा के दलाल इस प्रकाशन के बाद ऐक्टिव होते है और शुरू होता है असली खेल, एकड़ की ज़मीन को रातों रात बटाँकन कर स्क्वेर फ़िट में पहले कन्वर्ट कर मुआवज़ा को बढ़ाया जाता है । बात सिर्फ़ इतना नही है कई मौक़ों पर घास ज़मीन जिसे सरकारी ज़मीन कहते है उसे भी किसान के नाम चढ़ाकर किसानो को मुआवज़ा दिलाने का असली धंधा शुरू होता है । यह खेल इतने साफ़गोई तरीक़े से सेट होता है कि इसमें दलाली की सारी हदे पार कर दी जाती है ,उदाहरण के तौर पर किसी किसान की ज़मीन अगर दस लाख की है तो उसे बीस से तीस लाख दिलाने का सौदा तय किया जाता है फिर दस से अट्ठारह गुना तक ज़मीन के भाव का मुआवज़ा दिलाकर शेष रक़म पटवारी RI तहसीलदार डीएम मंत्री संतरी तक भाई बँटवारा ।
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष गौरीशंकर श्रीवास ने बताया रक़म चूकी किसान के नाम से जारी होता है इसलिए किसान के नाम पर नया अकाउंट खोला जाता है जिसका चेक से लेकर सब चीज़ में नियंत्रण दलाल अधिकारी और उनके गुर्गों का होता है मतलब किसान बैंक तक भी नहीं पहुँच पाता प्रदेश में कोरबा, बस्तर संभाग, जांजगीर, रायगढ़ ,गरियाबंद समेत ऐसे कई ज़िले है जहाँ ये खेल अरबों में खेला गया है दिलचस्प बात ये है कि जानकारी सबको है लेकिन कोई मुँह खोलने को तैयार नहीं है। आज के प्रेस वार्ता में सिर्फ़ आरोप नही बल्कि अधिकारीयो का नाम तक का उल्लेख किया गया है। बहरहाल जिस मामले को लेकर आज खुलासा किया गया है उसमें सबके हाथ रंगे हुए है इसलिए प्रदेश की सरकार से उम्मीद नही किया जा सकता मामला 780 करोड़ का है जिसकी शिकायत अब केंद्रिय विज़लेंस एजेन्सी से पूरी दस्तावेज के साथ की जा रही है ताकि एक शुरुआत तो हो वरना प्रदेश में ये धंधा बेख़ौफ़ तरीक़े से चल रहा है ।
गौरीशंकर श्रीवास ने आगे कहा हम इस खुलासे के सारी सबूतों, दस्तावेजों के साथ महामहिम राज्यपाल जी से मुलाकात करेंगे ।