सपा में बेबाक बोलने के लिए पहचाने जाने वाले राष्ट्रीय प्रवक्ता ने आगे कहा, इसमें कोई झूठ नहीं है कि इस वक्त भाजपा यूपी और केंद्र में राज कर रही है। मगर तस्वीर का दूसरा पहलू यह भी है कि, भाजपा कहीं कोई जनहित का काम भी नहीं कर रही है। इसके लिए यूपी सरकार से बड़ा नमूना भला क्या होगा? जो बलात्कारी विधायक को खुलेआम शरण दे रही है। बिना उस जनता से डरे हुए जिसने राज्य में भाजपा को भूलवश सत्ता सौंप दी थी।
राज्य सरकार की इन्हीं तमाम ऊटपटांग नीतियों से खफा आईपी सिंह ने दो टूक कहा, अगर यूपी में योगी और उनकी सरकार का हाल यही रहा तो फिर आने वाले समय में राज्य की बागडोर संभालने के लिए समाजवादी पार्टी को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। उन्होंने एक बयान में आगे कहा कि राज्य की सरकार जो कुछ कर रही है उस पर नजर रखने के लिए राज्यपाल हैं।
सूबे में मौजूद सरकार के इन बिगड़े हालातों में राज्यपाल को खुद ही संज्ञान लेना चाहिए। राज्यपाल के विशेषाधिकार के तहत किसी से कुछ नहीं पूछना है। वे चाहें तो पलक झपकते ही कुलदीप सेंगर की विधानसभा सीट को खाली घोषित करा सकते हैं। मगर उनकी भी एक अदद चुप्पी सौ-सौ सवाल खड़ी करती है।